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सिरोही : सीसीटीवी कैमरे पर पहली ही बैठक में रार - Sabguru News
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सिरोही : सीसीटीवी कैमरे पर पहली ही बैठक में रार

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सिरोही। नगर परिषद के नवनिर्वाचित बोर्ड की पहली साधारण बैठक विवादों के चलते स्थगित करनी पडी। बैठक में शहर में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की पत्रावली सदन में लाने के लिए कांग्रेस व भाजपा पार्षदों ने पहले ही सभापति को पत्र दे दिया था, लेकिन सदन के सचिव लालसिंह राणावत ने पुराने पार्षदों के अभिवादन के बाद सीधे ही विकास के प्रस्ताव पर चर्चा करने की बात कह दी, इसी पर मामला बिगड गया।
नव निर्वाचित बोर्ड की बुधवार को होने वाली साधारण बैठक में चार प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी, लेकिन सभापति ताराराम माली ने इसमें शहर में सीसीटीवी कैमरा लगाने के मामले में हुई कथित अनियमितता का प्रस्ताव नहीं रखने पर भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने एक पत्र सभापति को देकर इस मुददे पर बोर्ड की पहली बैठक में चर्चा करवाने के लिए पत्र दिया था। इसके लिए मंगलवार को खुद सभापति ताराराम माली ने आयुक्त लालसिंह राणावत को इस संबंध में समस्त पत्रावली बैठक में रखने को कहा था।

लेकिन जैसे ही बैठक शुरू हुई और राणावत ने साधारण बैठक के दौरान पूर्व पार्षदों का अभिनन्दन करके सीसीटीवी कैमरे की चर्चा के बिना ही एजेंडे के दूसरे बिंदु पर चर्चा का प्रस्ताव रखा वैसे ही कांग्रेस पार्षद जितेन्द्र सिंघी ने सभापति से सीसीटीवी खरीद के मुददे पर चर्चा करने और पूर्व में की गई मांग के अनुसार पत्रावली व अन्य वांछित दस्तावेजों को सदन में लाने को कहा।

इस पर आयुक्त राणावत ने कहा कि यह कैमरे बोर्ड की पिछली बैठक में लिया गया है, उन्होंने हाथ में मोबाइल लहराते हुए कहा कि उस बैठक की रिकाॅर्डिंग उनके पास है। इस पर  कांग्रेस पार्षद ईश्वरसिंह भी इस सौदे की पत्रावली को लाने की मांग करने लगे, इधर भाजपा पार्षद प्रवीण खत्री यह कहते हुए बीच में कूद पडे कि सीसीटीवी कैमरे होते रहेंगे आप विकास के मुददे पर चर्चा जारी रखो।

इसके बाद तो एक के बाद कांग्रेस और भाजपा पार्षद बहस में कूदते गए। जीतेन्द्र सिंघी पत्रावली नहीं आने तक सभापति के पास ही धरने पर बैठ गए। उपसभापति धनपतसिंह राठौड के साथा भाजपा पार्षद शंकरसिंह परिहार, जितेन्द्र खत्री, विरेन्द्र चैहान,  सीसीटीवी कैमरों की पत्रावली को सदन में मंगवाने या इस संबंध में जांच का कोई प्रस्ताव लेने की बजाय यह आरोप लगाकर हल्ला मचाने लगे कि सब गडबडी कांग्रेस के बोर्ड में हुई है तब वह क्यों नहीं बोले, वहीं कांग्रेस पार्षद मारूफ हुसैन, मनोहर मेवाडा, गोपीलाल मेघवाल, नैनाराम माली आदि यह आरोप लगाते रहे कि एक साल भाजपा की सरकार ने ही कांग्रेस की पूर्व सभापति के कथित भ्रष्टाचार को संरक्षण देकर पाला पोसा और उस समय भाजपा विपक्ष की भूमिका निभाने में नाकाम रही। विवाद इस कदर बढा कि सभापति को बैठक को स्थगित करने की घोषणा करनी पडी। बैठक में पार्षद प्रकाश कुंवर, अरूणादेवी, सीतादेवी, अमियादेवी, मीनाक्षी प्रजापत, रणछोडकुमार, दुर्गा कंसारा, पिंकी रावल, लता, शैतानसिंह, सुकीदेवी, हिम्मत आदि मौजूद थे।

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पहले सम्मान फिर अपमान
नगर परिषद में बोर्ड सर्वोपरि है और बोर्ड की बैठक में सभापति और पार्षद। सदन में सबकुछ इन्हीं की मर्जी से होता है और बैठक का सचिव यानि आयुक्त मात्र सरकार की ओर से नियमों की पालना करवाने के लिए वहां होता है, लेकिन आयुक्त के सदन पर हावी होने के कारण भी एक विवाद उपजा। बैठक के एजेंडे में पूर्व पार्षदों का स्वागत किया जाना प्रस्तावित था। इसके अनुसार बैठक में पहुंचे पूर्व पार्षद सुरेश सगरवंशी, जगदीश सैन, दमयंती डाबी, मणिदेवी, संजीदा बानो आदि का वर्तमान पार्षदों ने तिलक लगाकर, माला पहनाकर और श्रीफल देकर अभिनन्दन किया।

जैसे ही सभी पार्षद इस प्रक्रिया से गुजरे आयुक्त लालसिंह राणावत पूर्व पार्षदों को बैठक के इस तरह से बाहर निकालने लगे जैसे सदन में सभापति से ज्यादा वे अधिकृत हों। यह बातें सभी पुराने पार्षदों को नागवार गुजरी और उन्होंने सभा में कुछ नहीं कहा, लेकिन जैसे ही बैठक खतम हुई पूर्व पार्षद जगदीश सैन, भाजपा पार्षद मणिदेवी, दमयंती डाबी के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुरेश सगरवंशी ने नाराजगी जताई। नाराज हुए जगदीश सैन को तो खुद सभापति ताराराम माली बाहर से मनाकर अपने कक्ष में लाए। सम्मान के बाद आयुक्त लालसिंह राणावत के बचकाने व्यवहार के कारण इन पार्षदों को नवनिर्वाचित सदस्यों व मीडियाकर्मियों के समक्ष ग्लानि झेलनी पडी। जबकि पूर्व पार्षद सभापति की ओर से आमंत्रित थे और उनकी अनुमति से यह लोग बैठक में को सुन भी सकते थे।
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सांसद ने लिखा जांच के लिए पत्र
इधर, सांसद देवजी पटेल ने भी नगर परिषद में हाल ही में हुई आर्थिक अनियमितता को गंभीरता से लिया। उन्होंने उनको मिली शिकायतों के आधार पर नव निर्वाचित सभापति ताराराम माली को पत्र लिखकर नगर परिषद चुनाव 2014 के तुरंत पूर्व और आचार संहिता के दौरान सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में विकास कार्यों की बाढ लाने और नगर परिषद से अफरा तफरी में चेक जारी होने के मामले की जांच करने को कहा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इस दौरान जो पत्र निकल चुके हैं, उनकी जांच करवाएं और जो चेक जारी नहीं हुए हैं उन्हें रोके। उन्होंने यह भी लिखा है कि यदि किसी भी तरह की अनियमितता उस दौरान हुई है तो उसकी रिपोर्ट भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में देकर संपूर्ण प्रकरण की जांच करवाएं।

तो सदन को गुहराह कर रहे थे आयुक्त !
आयुक्त बैठक में यह जानकारी दे रहे थे कि इस प्रकरण में जिला कलक्टर ने जांच कर ली है और वहां से इस पूरी प्रक्रिया को सही बताया गया है। जब उनसे फाइल लाने को कहा तो वह यह कहकर सदन को भ्रमित करते रहे कि इसकी फाइल कलक्टरी में जांच के लिए गई हुई है। सीसीटीवी कैमरे में अनियमितता के संबंध में दो शिकायत जिला कलक्टर को की गई थी, उसकी जांच उन्होंने एडीएम प्रहलादसहाय नागा को देने की बात कही थी। वहीं एडीएम नागा ने बताया कि उन्होंने जो जांच उन्होंने की थी वह आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की थी, उसमें कैमरे की खरीद में अनियमितता नहीं होने या प्रक्रियागत खामियां नहीं होने जैसा कोई मामला नहीं था और ना ही उसका कोई उल्लेख किया गया था।
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विधानसभा समिति के पास भी पहुंचा मामला
इधर, भाजपा आईटी सेल के जिलाध्यक्ष रोहित खत्री और सिरोही विकास परिषद के महावीर जैन ने इस प्रकरण को बुधवार को राजस्थान विधानसभा में स्वायत्तशासन विभाग में अनिमियतता और वित्तीय गडबडी की जांच करने वाली प्रदेश की सबसे बडी समिति को भी सीसीटीवी कैमरे की खरीद में जनता के धन की बर्बादी के संबंध में ज्ञापन सौंपा। सिरोही कैम्प में आई राजस्थान विधानसभा की स्वायत्तशासन एवं पंचायतराज की जनलेखा समिति के सदस्य झाबरसिंह खर्रा को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने इस वित्तीय अनियमितता के बारे में बताया कि खर्रा ने इस प्रकरण में स्वायत्तशासन विभाग के जोधपुर के उपनिदेशक सुरेन्द्रसिंह मीणा को जांच करके उन्हें रिपोर्ट देने को कहा।

 

सबन्धित का कहना है

हम भी चाहते हैं कि भ्रष्टाचार की जांच हो, लेकिन विकास का काम नहीं अटके इसका भी सबको ध्यान रखना होगा। हमारे सांसद ने पहले ही हमे पत्र लिखकर इन सब अनियमितताओं की जांच के लिए पत्र लिख दिया है।
ताराराम माली सभापति, सिरोही।

सभापति को पहले ही भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने मिलकर पत्र दिया था कि वह सीसीटीवी कैमरे के मुददे को एजेंडे में शामिल करें और इसकी पत्रावली भी आयुक्त से मंगवाएं, लेकिन ऐसा नहीं किया। जनता के पैसों को बर्बाद करके भाजपा के शासनकाल मंे ही नगर परिषद में कोडियों की चीजें सोने के भाव में खरीदी और सदन इसके प्रति गैरसंजीदा है तो यह नाकाबिले बर्दाश्त है। अब बैठक तभी होगी जब सीसीटीवी खरीद के सभी दस्तावेज पेश कर देंगे।
जितेन्द्र सिंघी पार्षद, कांग्रेस।
मैने आचार संहिता के उल्लंघन की जांच की थी। कैमरे की खरीद में अनियमितता हुई है या नहीं हुई जैसी कोई जांच मेरे पास नहीं आई है और न ही ऐसे किसी मामले में मैने नगर परिषद को कोई क्लीनचिट दी है। जांच आई है तो इसे भी कर देंगे।
प्रहलादसहाय नागा एडीएम, सिरोही।

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