नई दिल्ली। भारत द्वारा अमेरिका से 20 लाख बैरल कच्चे तेल खरीदने को लेकर किए गए समझौते के अंतर्गत अमरीका से कच्चे तेल की पहली खेप ओडिशा के पाराद्वीप बंदरगाह पहुंच गई।
इसे (कच्चे तेल की खेप) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और भारत पेट्रोलियम द्वारा अमरीका से 20 लाख बैरेल कच्चे तेल खरीदने के समझौते के तहत अमरीका ने यहां भेजा है। इससे द्विपक्षीय व्यापार में 200 करोड़ डॉलर की बढोतरी होने की संभावना है।
अमरीकी दूतावास से जारी बयान के अनुसार हैदराबाद के अमरीकी महावाणिज्यदूत कैथरीन हड्डा, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के संयुक्त सचिव सुंजय सुधीर और विदेश मंत्रालय से अमरीकी विभाग के संयुक्त सचिव मुनु महावर ने कच्चे तेल से लदे जहाज की आगवानी की।
अमरीका के वर्ष 1975 में कच्चे तेलों की आपूर्ति रोकने के बाद यह पहला मौका है जब अमरीका ने भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति की है।
अमरीकी दूतावास में ‘चार्ज द अफेयर्स’ मेरीके कार्लसन ने कहा कि यह घटना अमरीका और भारत के बीच बढ़ते व्यापार में मिल का पत्थर साबित होगा। भारत और अमेरिका साफ जीवाश्म ईंधन के लिए योजना, नवीकरणीय, परमाणु ऊर्जा समेत ऊर्जा दक्षता तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा रहे हैं। हमलोग अमरीकी कच्चे तेल के अन्य खेप की बिक्री की दिशा में साथ काम कर रहें हैं और भारत में प्राकृतिक गैस के विस्तार की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जून को वाशिंगटन में मुलाकात के दौरान रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी के जरिये द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी। दोनों नेताओं ने संतुलित पर्यावरण व जलवायु नीति, वैश्विक आर्थिक विकास एवं ऊर्जा सुरक्षा की जरूरतों के लिए तार्किक पहल करने का आह्वान किया था।