नई दिल्ली। वियतनाम में खेली गई एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की महिला मुक्केबाज मैरी कॉम का कहना है कि अगर वह फिट हैं और लगातार अभ्यास कर रही हैं तो कोई भी मुक्केबाज उन्हें आसानी से नहीं हरा सकती।
मैरी कॉम ने एशियाई चैम्पियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया है। यह उनका इस चैम्पियनशिप में पांचवां स्वर्ण पदक था। ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली इस मुक्केबाज का मानना है कि ओलम्पिक में पदक जीतना खेलों के महाकुंभ में क्वालीफाई करने से आसान है।
मैरी कॉम गुरुवार को भारत लौटी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर मैं फिट हूं और लगातार अभ्यास कर रही हूं तो कोई भी मुझे आसानी से नहीं हरा सकता। मैंने अपनी कड़ी मेहनत से और बीएफआई के समर्थन से देश को गर्व करने का मौका दिया इससे मैं काफी खुश हैं।
मैरी कॉम ने कहा कि ओलम्पिक में पदक जीतना आसान है, लेकिन इसके लिए क्वालीफाई करना मुश्किल है। पांच बार की विश्व विजेता मैरी कॉम ने कहा कि ओलम्पिक में पदक जीतना तो आसान है, लेकिन ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करना मुश्किल है क्योंकि हमें विश्व चैम्पियनशिप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में खेलना होता है जहां हर टीम अच्छी होती है और हर मैच जीतना होता है और बड़े-बड़े खिलाड़ियों को टक्कर देनी पड़ती है, जो काफी मुश्किल होता है।
मैरी कॉम ने कहा कि उनका ध्यान अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों पर है। उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं कि 48 किलोग्राम भारवर्ग श्रेणी राष्ट्रमंडल खेलों में है। मेरी कोशिश पहले इन खेलों में पदक जीतने की है उसके बाद किसी और टूर्नामेंट के बारे में सोचूंगी।
मैरी कॉम इससे पहले 51 किलोग्राम भारवर्ग में मुकाबला कर रही थीं, लेकिन एशियाई चैम्पियनशिप में उन्होंने 48 किलोग्राम भारवर्ग में वापसी की। मैरी कॉम का कहना है कि अगर टोक्यो ओलम्पिक-2020 में 48 किलोग्राम श्रेणी होती है तो वह पदक जीतने को लेकर आश्वस्त हैं लेकिन अगर नहीं तो उन्हें 51 किलोग्राम भारवर्ग में खेलना है।
मैरी कॉम ने कहा कि अगर 48 किलोग्राम श्रेणी होती है तो मैं आत्मविश्वास के साथ कह सकती हूं, लेकिन अगर नहीं तो मुझे अपनी श्रेणी में बदलाव करना होगा।