कानपुर। बीती रात एक सड़क दुर्घटना में कानपुर के रहने वाले पांच दोस्तों की मौत हो गई। जिस किसी ने भी पांच दोस्तों के एक साथ मौत की खबर सुनी उनके मुंह से निकल ही पड़ा ‘आखिर अंतिम सांस तक निभाई दोस्ती’।
बताते चलें कि बर्रा-2 इलाके में रहने वाले किसलय, सुमित सचान, पुनीत व उस्मानपुर निवासी तेजस मिश्रा, अंकित आपस में दोस्त थे। ईको स्पोर्ट्स कार से भौंती में आयोजित एक तिलक समारोह में शामिल होने गए थे। समारोह में शिरकत करने के बाद सभी दोस्त देर रात कार से लौट रहे थे।
कार अंकित चला रहा था। कार के रूमा-भौंती हाइवे के पास सरायमीता सर्विस लेन पर पहुंचते ही अंकित कार से संतुलन खो बैठा। जिससे तेज रफ्तार कार सड़क किनारे यूकेलिप्टस के पेड़ से जा टकराई।
स्पीड अधिक होने के कारण कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार चालक समेत सभी पांच दोस्त लहुलूहान होकर तड़पने लगे। आवाज सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर ने किसी तरह से कार में फंसे सभी युवकों को हैलट अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टरों से सभी को मृत घोषित कर दिया।
दुर्घटना की जानकारी पुलिस ने मृतकों के परिजनों को देते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मौत भी आईं तो एक साथ मृतकों में एकलौते बेटे किसलय के पिता कैलाश नारायण ने बताया कि बेटे व उसके दोस्तों में अटूट रिश्ता था। सभी एक-दूसरे पर जान छिड़कते थे और पढ़ाई से लेकर खेल-कूद व अन्य कार्यक्रमों में साथ रहते थे।
बीती रात भी सभी एक साथ तिलक समारोह में गए थे। लेकिन किसी भी नहीं सोचा था कि एक हादसा उन सभी के लिए काल बन जाएगा। मृतकों के परिजन व रिश्तेदार भी उनकी दोस्ती की रोते हुए उनकी दोस्ती की मिसाल पोस्टमार्टम हाउस में देते दिखे। हर किसी के मुंह से यहीं निकल रहा था कि हर खुशी व गम आपस में बाटंने वाले एक साथ ही इस दुनियां को अलविदा कर गए।
10 मिनट में आने की बात कहकर निकले थे दोस्त मृतक सुमित के पिता राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि बेटा अपने दोस्तों के साथ जाने की बात कहता हुआ 10 मिनट में वापस आने की बात कहकर घर से निकला था। लेकिन दो घंटे से अधिक का समय हो जाने पर भी नहीं लौटा।
जिसके बाद उन्होंने मोबाइल पर उसकी लोकेशन जानने के लिए कॉल की तो थोड़ी देर में आने की बात कही। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि थोड़ी देर में उसकी व दोस्तों की मौत की खबर आएगी। कमोबेश यही हाल सड़क दुर्घटना में मृत सभी युवकों के परिजनों का था। परिजनों की हालत देखते हुए उनके रिश्तेदार उन्हें संभालते रहे।
खुद ही सिला बेटों का कफन
पनकी-भौंती हाईवे पर सफेद ईको स्पोर्ट्स कार तेज रफ्तार में पेड़ से जा टकराई। इस भीषण हादसे में तिलक समारोह से लौट रहे पांच दोस्तों की मौत हो गई। बुधवार सुबह रोते-बिलखते परिजन पांचों डेड बॉडी लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। आरोप है कि यहां पर लाशें सील करने के नाम पर पोस्टमार्टम कर्मचारियों ने रुपयों की मांग करने लगे।
अपने कलेजे के टुकड़ों की मौत के सदमे में डूबे परिजन इस मांग से व्यथित हो गए। जब पोस्टमार्टम कर्मी अपनी मांग पर अड़ गए तो परिजनों से नोंकझोंक हो गई। परिजनों पर दबाव बनाने की नीयत से सारे पोस्टमार्टम कर्मी पांचों लाशों को छोड़कर, सील वाली मुहर लेकर वहां से गायब हो गए और घंटों तक नहीं लौटे।
यह तमाशा पोस्टमार्टम और पंचनामा कराने आए पनकी थाना पुलिस समेत डॉक्टर भी देखते रहे। परिजनों ने पोस्टमार्टम कर्मियों की संवेदनहीनता की शिकायत डॉक्टरों और पुलिस से की। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
काफी देर तक परेशानी का हल निकलता न देख मृतकों के परिजनों ने अपने हाथों से दो लोगों ने खुद सुईं-धागा उठाया और अपने बच्चों के कफन सिलने लगे। यह मंजर देख वहां मौजूद लोगों का दिल पसीज गया।
परिजनों ने ही पांचों लाशों के कफन सिलकर सरकारी मुहर की सील लगाई। मामले में सीएमओ का कहना है कि उन्हें पोस्टमार्टम कर्मियों की हरकत की जानकारी नहीं है। प्रकरण के सम्बंध में डाक्टरों से जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी।