जोधपुर। जैसलमेर पुलिस ने कांच से चमत्कार होने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार सदस्यों में दो पश्चिमी बंगाल के और तीन जैसलमेर जिले के निवासी है। गिरोह के सरगना की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
गिरोह से जुड़े लोग कांच के माध्यम से जमीन में छिपा धन खोजने या फिर शरीर के आर-पार देखने जैसे चमत्कारों का प्रलोभन देकर बड़ी धन राशि ऐंठते थे।
जैसलमेर में एकाएक सक्रिय हुए इस गिरोह के बारे में पुलिस को मुखबिर से यह इत्तला मिली कि कुछ लोग 18 ईस्ट इण्डिया कम्पनी के समय का बेशकीमती कांच होने का दावा कर रहे हैं, जिससे किसी भी व्यक्ति का नग्न या कंकाल के रुप में देख सकते है।
इसके अलावा लोगों को झांसे में लेने के लिए गिरोह के सदस्य 14 फीट से व्यक्ति का शरीर नग्न स्थिति में, 11 फीट दूरी से कंकाल के रुप में और 9 फीट में किसी भी प्रकार को कोई प्रतिबिंब नहीं दिखाई देने की बात समझाते थे। इसके अलावा कांच के जरिए जमीन के भीतर धन को देखने की बात कहकर ठगी करते।
यूं चढ़े पुलिस के हत्थे
जैसलमेर में ठग गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में उप निरीक्षक भवानीसिंह के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने जैसलमेर शहर और शहर के आसपास के क्षेत्र में संदिग्धों की तलाशी ली। इस बीच मुखबिर ने इत्तला दी कि कुछ संदिग्ध यूनियन चौराहे के पास देखे गए है।
इस पर विशेष टीम ने तुरन्त यूनियन चौराहा जाकर संदिग्ध श्रीरामपुर, हावड़ा, पश्चिम बंगाल निवासी शेख जादरअली पुत्र शेख जावेद अली, ओरूबाग पुत्र ओस्तोबाग के अलावा जैसलमेर जिले के सनावड़ा निवासी कंवराजसिंह पुत्र प्रयागसिंह और महेशों की ढाणी निवासी हरिसिंह पुत्र चैनसिंह को दस्तयाब किया और वाहन जब्त किया गया।
दस्तयाब किए गए आरोपितों ने बताया कि उनका एक साथी गाड़ी लेकर चला गया है। इस पर नैनाराम पुत्र पोकरराम मेघवाल को दस्तयाब किया गया। जब वे उनके अन्य साथी प्रयागसिंह पुत्र कल्याणसिंह निवासी महेशों की ढाणी को दस्तयाब करने पहुंचे तो वह पुलिस भनक लगने पर फरार हो गया। जिसकी कार पुलिस ने बरामद की है।
पूछताछ में उगले कई राज
विशेष टीम की ओर से की गई गहन पूछताछ में आरोपितों ने कई राज उगले हैं। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया है कि कांच प्रयागसिंह पुत्र कल्याणसिंह की ओर से संजय नाम के व्यक्ति से खरीदा था। उसके निर्देशन में पश्चिम बंगाल निवासी शेख जादरअली पुत्र शेख जावेद अली और ओरूबाग पुत्र ओस्तोबाग को भेजा गया।
प्रयाग सिंह एवं उनके साथियों द्वारा लगातार कई पार्टियों से सम्पर्क कर उन्हें झांसा देकर लाखो रुपए की ठगी की गई। पुलिस पूछताछ में टूट चुके आरोपितों ने यह भी कबूला कि साधारण कांच को विशेष बताकर करोड़ों रुपए ऐंठने की फिराक में वे थे।
पहली बार साबूत कांच बरामद
पुलिस के लिए यह सफलता इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि ऐसी घटनाएं पूर्व में कई बार सामने आ चुकी है, जिसमें कांच का करोड़ों रुपए में सौदा कर उसकी अमानत राशि करोड़ों में वसूली जाती है। कांच को तोड़ भी दिया जाता था, ताकि उसकी असलियत का पता ना चल सके। यह पहला मौका है जब पुलिस को कांच सही स्थिति में मिला, जो कि एक साधारण कांच ही है।