पटना/बक्सर। बिहार के बक्सर में सेंट्रल जेल से पांच खतरनाक और हार्डकोर सजायाफ्ता कैदी फरार हो गए। पुलिस ने जिले में हाइ अलर्ट जारी कर दिया है। पुलिस इन सभी कैदियों की तलाश में जुटी है।
कैदियों के भागने से ठीक 24 घंटे पहले बक्सर प्रशासन ने जेल में छापेमारी की थी और एक-एक वार्डों की तलाशी ली गई थी, लेकिन छापेमारी के 24 घंटे के अंदर ही पांच खतरनाक कैदियों के भाग जाने से जिला प्रशासन की नींद उड़ गई है।
जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फरार कैदियों में मोतिहारी के रहने वाले प्रदीप सिंह नाम का एक कैदी शामिल है जिसको फांसी की सजा मिली हुई है। इतना ही नहीं उसकी दया याचिका राष्ट्रपति भवन में लंबित है। मामले में जेल प्रशासन ने तीन वार्डन को निलंबित कर दिया है।
जेल कर्मियों को इसका पता शनिवार की सुबह तीन बजे चला। इसके बाद पगली घंटी बजाई गयी जिससे अफरा-तफरी मच गई। सूचना पाकर पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे तथा जानकारी लेकर आसपास के क्षेत्रों में तलाशी करने लगे।
फरार होने वालों में मोतिहारी के एक फांसी के सजायाफ्ता के साथ सभी सजावार बंदी बताए जा रहे हैं। उनमें बक्सर जिला के एकमात्र ब्रह्मपुर के सोनू सिंह भी शामिल हैं। कैदियों को मिले सश्रम कारावास की सज़ा को देखते हुए जेल प्रशासन ने इनमे से चार को जेल में राईटर तथा एक को क्लर्क का भार भी सौंप दिया था।
राईटर का काम सुबह वार्डों के खुलने के साथ शुरू हो जाता है। जेल परिसर के भीतर तथा जेल से कोर्ट में पेशी के लिए जाने वाले कैदियों की गणना इनका मुख्य काम होता है। वहीं सारी जानकारियां इन्हें कलर्क को देनी होती है।
पांचों फरार कैदी प्रतिदिन काम के बहाने एक-दूसरे से मिलते थे, यही नहीं सभी कैदी जेल के धन्वन्तरी वार्ड संख्या 29 में एक साथ ही रहा भी करते थे। इसी वार्ड में उन्होंने जेल से भागने की योजना बनाई जिसको शनिवार अहले सुबह करीब 3 बजे अंजाम दिया।
साढ़े तीन बजे के करीब जब पगली घंटी बजी तो आस-पास के लोग भी किसी बड़ी घटना के अंदेशे से सिहर उठे। पांचों कैदी ठोरा नदी की तरफ की दीवार फांद के भागे हैं जहां से पुलिस ने चादर तथा गमछा एवं शाल बरामद किया है। काम के दौरान ही इन्होंने जेल के अन्दर अपना अच्छी छवि बना ली थी जिससे उन लोगों के द्वारा इस तरह की हरकत की उम्मीद किसी ने नहीं की थी।
फ़रार कैदियों में एक देवधारी राय (24 वर्ष) बलात्कार और हत्या के प्रयास के मामले में सजायाफ्ता था, वही कान्ट (ब्रम्हपुर) का रहने वाला सोनू सिंह (35 वर्ष) अपहरण तथा आरा के धनगाई का रहने वाला सोनू पाण्डेय (35 वर्ष) अपहरण तथा हत्या, पश्चिमी चंपारण के संग्रामपुर का रहने वाला प्रदीप सिंह (33 वर्ष) तथा आरा के धनगाई के ही उपेन्द्र साह हत्या जैसे संगीन मामले का आरोपी था।
जेल में स्थिति का मुआयना कर के बाहर आए सदर अनुमंडलाधिकारी गौतम कुमार ने बताया कि कैदियों ने भागने में बेडशीट तथा शाल का प्रयोग किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में दोषी पाए जाने लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
हालांकि, जेल के अन्दर दो दिन पूर्व हुए सघन तलाशी अभियान के बाद भी इस तरह की घटना का हो जाना यह तो साफ़ कर ही देता है कि यहां सुरक्षा के नाम हो रहे दिखावे का पूरा-पूरा लाभ कैदी उठा रहे हैं। विदित हो कि जेल में कई कुख्यात कैदियों के अलावा नक्सली भी बंद हैं।
बक्सर जेल सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है। गुरुवार को जेल अधीक्षक और जेल के कई अधिकारियों के नेतृत्व में सभी कैदियों के वार्डों के अलावा उनके निजी सामान की भी तलाशी ली गई थी।
बक्सर सेंट्रल जेल में कई कुख्यात बंदी बंद हैं। इस संबंध में एसडीओ गौतम कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर छापेमारी की गई थी। सभी वार्डों को एक-एक कर खंगाला गया था साथ ही कुख्यात बंदियों की तलाशी ली गई, लेकिन किसी के पास कुछ नहीं मिला।