रांची। मांडर के कंजिया मरईटोली में डायन बताकर पांच महिलाओं की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है और लोग डरे हुए हैं। सभी महिलाओं की हत्या उनपर डायन होने का आरोप लगाकर की गई है।
घटना शुक्रवार देर रात की है। घटना के सिलसिले में मांडर पुलिस ने 50 ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें से 27 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मृत महिलाओं के नाम जसिंता टोप्पो (50), मदनी खलखो (55), तेतरी उराइन (40), एतवरिया उराइन (53) तथा रतिया खलखो (60) बताये गये हैं। मृतकों में रतिया और तेतरी मां-बेटी बताई गई हैं।
धुमकुड़िया में की गई हत्या
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गांव में विपिन टोप्पो की बीमारी से हुई के लिए ग्रामीणों ने इन महिलाओं को जिम्मेवार ठहराया और रात में अखरा में बैठक की और पांच महिलाओं के घर पर धावा बोल दिया। लोगों ने जाकर पहले दरवाजा खुलवाया और महिलाओं को चिन्ह्ति कर उनका नाम लिया।
इन महिलाओं को घर से निकालकर ग्रामीण धुमकुड़िया में ले गए और धारदार हथियार से और पत्थर से उनकी हत्या कर दी। ग्रामीणों ने पिछले 15 वर्षों के दौरान बीमारी से कम उम्र के बच्चों की मौत के लिए इन महिलाओं को जिम्मेवार ठहराया। उनका कहना था कि ओझा के पास जाने पर इन्हीं महिलाओं का नाम सामने आया। इसके बाद से ही ग्रामीण उनके पीछे पड़ गए थे।
घटना के बाद छावनी में तब्दील हुआ गांव
देर रात घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस गांव पहुंची और लेकिन वहां के माहौल और तनाव को देखते हुए जिला मुख्यालय से पुलिस बल की मांग की। रांची से पुलिस बल पहुंचने के बाद पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया।
अधिकारियों में डीआईजी, एसएसपी प्रभात कुमार, डीसी मनोज कुमार, ग्रामीण एसपी, एसडीओ के साथ कई पुलिस अधिकारी गांव में पहुंचे और घटना के बारे में जानकारी ली।
बड़ी संख्या में ग्रामीणों को बसों में भरकर थाने ले जाया गया। पोस्टमार्टम कराने के बाद शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। देर शाम सभी शवों को लेकर ग्रामीण गांव पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
मुख्यमंत्री ने जताई चिंता
मांडर में हुई पांच महिलाओं की हत्या पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि ज्ञान आधारित युग में ऐसी घटनाएं चिंता का विषय है। उन्होंने इसे दुखद बताया है। उन्होंने कहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए समाज को सोचना चाहिए।