नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016 दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के लिए काफी खराब रहा। इस वित्त वर्ष के दौरान कंपनी को हर रोज 14 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
जानकारी के मुताबकि बेंगलुरु बेस्ड कंपनी ने टैलेंट और नए कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए काफी पैसा खर्च किया, जिससे उसके घाटे में बढ़ोतरी हुई।
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के अनुसार ऑनलाइन रिटेल मार्केट में तेजी से बढ़ने वाले फ्लिपकार्ट का सीधा मुकाबला अमेरिका की दिग्गज कंपनी एमेजॉन से है। आपको बता दें कि बीते वित्त वर्ष में फ्लिपकार्ट अपना रेवेन्यू बढ़ाकर 15,403 करोड़ रुपये तक ले जाने में सफल रही। सिंगापुर में रजिस्टर्ड फ्लिपकार्ट की होल्डिंग कंपनी की रेग्युलेटरी फाइलिंग्स से यह जानकारी मिली है।
वित्त वर्ष 2015-16 में कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ सुस्त पड़ गई थी और उसके मार्जिन में भी गिरावट देखने को मिली। वित्त वर्ष 2014-2015 में कंपनी का रेवेन्यू 10,245 करोड़ रुपये था और उसका मार्जिन नेगेटिव 25 पर्सेंट तक चला गया था।
वित्त वर्ष 2015-16 में सैलरी और स्टॉक बेस्ड कॉम्पेंसेशन 124 पर्सेंट बढ़कर 1,880 करोड़ रुपये पहुंच गया। कंपनी का बिजनेस प्रमोशन खर्च भी दोगुना होकर 1,100 करोड़ रुपये रहा। इस वजह से उसके लॉस में बढ़ोतरी हुई। इस खबर के लिए ईमेल से पूछे गए सवालों का फ्लिपकार्ट ने जवाब नहीं दिया।
बेंगलुरु बेस्ड कंपनी ने 2015 में आखिरी बार फंड जुटाया था और तब उसकी कीमत 15 अरब डॉलर लगाई गई थी। कंपनी के सीईओ बिन्नी बंसल ने बीते माह कहा था, ‘हम फिस्कल इयर 2018 में तेज ग्रोथ के साथ दाखिल होने जा रहे हैं।’