चित्तौडग़ढ़। चित्तौडगढ़ शहर में बहने वाली गंभीरी व बेड़च नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण कई कॉलोनियां जलमग्र हो गई व बाढ़ के हालात बन गए हैं। राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं। बस्तियां खाली करवा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।
प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के हर संभव प्रयास कर रहा है। जिले में अब तक औसत से लगभग दुगुनी बरसात हो गई है। मध्यप्रदेश में भारी बरसात के चलते गंभीरी बांध में पानी की आवक जारी रहने से बाढ़ के बढऩे का खतरा बना हुआ है। दस दिन में यह दूसरा मौका है जब शहर में बाढ़ के हालात बन गए हैं।
जिले में शुक्रवार आधी रात से शुरू हुई तेज व लगातार बरसात के कारण जिले के सबसे बड़े गंभीरी बांध पर शनिवार दोपहर तीन फीट से अधिक चादर चलने के बाद कुल ग्यारह गेट खेल दिये गये, इधर बेड़च नदी पर बने घोसुंडा बांध के भी तीन गेट खोल देने से शहर के बीच से बह रही गंभीरी व बेड़च नदियां उफान पर आ गई।
वहीं लगातार बरसात से घोसुंडा बांध में आवक बढने पर रात को उसके दस गेट खोल देने से शनिवार आधी रात बाद गंभीरी नदी खतरे के निशान से पांच फीट ऊपर बही जिससे उसका पानी तट तोडक़र आसपास की कॉलोनियों में भरना शुरू हो गया।
सुबह होते-होते तो कई बस्तियों में पानी भर गया। लोगों ने छतों पर या ऊपरी मंजिलों पर रात गुजारी। रात को ही प्रशासन ने पुन: एनडीआरएफ को बुला लिया और सेना को भी सतर्क कर देने पर आज सुबह गुजरात से एनडीआरएफ के दल ने आते ही पानी से भरी बस्तियों में फंसे लोगों को निकालना शुरू कर दिया।
शहर से बाहर निकलने के कई रास्ते बंद हो गए हैं। सुबह धोसुंडा बांध में पानी की आवक कम होने पर छह गेट बंद करने पर गंभीरी का पानी निकलने से बस्तियों में भरा पानी उतरने लगा है लेकिन गंभीरी बांध पर अब भी दो फीट की चादर चलने से नदी शहर में अब भी खतरे के निशान से तीन फीट ऊपर बह रही है और घोसुंडा पर बने वागन बांध के रविवार सुबह गेट खोल देने से घोसुंडा बांध में पानी की आवक से बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
इधर दोनों नदियों के तटीय क्षेत्रों में अवस्थित दर्जनों गांवों में पानी भरा हुआ है लेकिन प्रशासन वहां राहत कार्य शुरू नहीं कर पाया है। शहर में आज सुबह लोगों को ना तो दूध नसीब हुआ और ना ही अखबार पढने को मिले।
सिंचाई विभाग की अधिकारिक जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात से रविवार सुबह आठ बजे तक चित्तौडगढ़ तहसील में कुल 173 मिमी बरसात हुई है जबकि शनिवार प्रात: आठ बजे से रविवार आठ बजे तक गंगरार में 163, राशमी में 94, कपासन में 100, भूपालसागर में 102, बेंगू में 66, निम्बाहेड़ा में 225, भदेसर में 227, डूंगला में 161, बड़ीसादड़ी, में 220, व भैंसरोडगढ़ में 44 मिमी बरसात दर्ज की गई है।
विभाग के अनुसार सभी जलाशयों पर चादर चल रही है। सुबह ग्यारह बजे तक के आंकड़ों के अनुसार गंभीरी बांध के दस गेट खुले हैं, जबकि घोसुंडा के आठ गेट व बाड़ी बांध के चार गेट खुले हैं जिससे शाम तक फिर जल प्लावन के हालात बन सकते हैं। सुबह दस बजे तक जिले भर में बरसात लगभग बंद हो गई लेकिन इसके बाद कई क्षेत्रों में बरसात का दौर पुन: प्रारम्भ हो गया है।