नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ डीडीसीए मानहानि के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के समक्ष अरुण जेटली का क्रास एग्जामिनेशन हुआ।
अरुण जेटली का क्रास एग्जामिनेशन वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने किया। इस दौरान अरुण जेटली ने कहा कि केजरीवाल ने मेरे खिलाफ मानहानि वाले बयान उनके सचिव के दफ्तर में पड़े छापे से ध्यान हटाने के लिए किए गए थे।
क्रास एग्जामिनेशन के दौरान अरुण जेटली की तरफ से प्रतिभा सिंह, राजीव नय्यर और संदीप सेठी मौजूद थे। जबकि केजरीवाल के लिए रामजेठमलानी, राहुल मेहरा और राघव चड्ढा मौजूद थे।
क्रास एग्जामिनेशन में रामजेठमलानी ने आपने इस अवमानना याचिका की वैल्यु दस करोड़ रुपए कैसे आंकी, आपको इससे क्या आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। तो अरुण जेटली ने कहा कि उनके सम्मान की भरपाई पैसे से नहीं की जा सकती है। मेरी जो वैल्यू मेरे परिवार, दोस्तों या समाज के बीच में है उसके आधार पर मैंने दस करोड़ रुपए का मानहानि का केस किया।
जेठमलानी ने जेटली से पूछा कि मुकदमा दायर करने में उन्हें एक हफ्ते का वक्त क्यों लगा? इस पर जेटली ने कहा कि वो कई दिनों तक केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते रहे। जेठमलानी ने ये सवाल तीन बार दोहराया जिसके बाद जेटली के वकील भड़क गए। जेटली के वकील संदीप सेठी ने कहा कि बचाव पक्ष के लिए इतने सारे वकील क्यों हैं?
तब केजरीवाल के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि वकील अपने गवाह को संकेत नहीं दे सकते हैं। आपको बता दें कि छह दिसंबर 2015 को केजरीवाल के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मामले में केजरीवाल को व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी थी लेकिन हाईकोर्ट ने केजरीवाल से कहा था कि वो ट्रायल कोर्ट में एक हलफनामा दें कि उनकी अनुपस्थिति में कोर्ट को अपनी प्रक्रिया आगे बढ़ाने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी।
कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर ट्रायल कोर्ट को लगेगा कि आपकी वजह से अनावश्यक विलंब हो रहा है तो हाईकोर्ट अपने आदेश में सुधार करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल की उस दलील को खारिज कर दिया था कि उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले पर स्टे लगाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के पहले हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।