नई दिल्ली। बिहार में चारा घोटाला मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके एक आरोपी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की खिंचाई की।
जगन्नाथ मिश्रा इस मामले पर बुधवार की सुनवाई स्थगित करना चाहते थे क्योंकि उन्होंने सीबीआई द्वारा दायर याचिका पर कोई जवाब नहीं दिया था। इसपर कोर्ट ने कहा कि सुनवाई टालने की आपकी दलील से हम सहमत नहीं हैं।
जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हमने आपका हलफनामा भी देखा है और हम यहां बीस साल से काम कर रहे हैं। जस्टिस खेहर ने कहा कि आप बार-बार सुनवाई टालने की मांग करते हैं और फिर कहते हैं कि अदालतों में बहुत केस लंबित हैं।
कोर्ट ने साफ कहा कि आप चार हफ्ते में अपना जवाब पेश करें इसके बाद आपको जवाब पेश करने का मौका नहीं दिया जाएगा। चारा घोटाला मामले में आरजेडी प्रमुख लालू यादव और अन्य पर से कुछ धाराएं हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने नवंबर 2014 में लालू को राहत देते हुए उनपर लगे घोटाले की साजिश रचने के आरोप हटा दिए थे। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि एक ही अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती।
हाईकोर्ट ने फैसले में यह भी कहा गया कि लालू यादव के खिलाफ आईपीसी की दो अन्य धाराओं के तहत मुकदमा जारी रहेगा। सीबीआई ने इस फैसले के आठ महीने बाद झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
करीब 950 करोड़ के चारा घोटाले के केस में लालू प्रसाद यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, जनता दल युनाईटेड सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपी हैं। इन सभी पर चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का आरोप है।