लंदन। प्रगनेंसी के दौरान मां के फॉलिक एसिड की खुराक लेने से गर्भस्थ शिशु का भावनात्मक विकास होता है। वह अपनी भावना प्रकट करने और दूसरों की भावना को समझने में सक्षम होता है। यह एक शोध में पता चला है।
फॉलिक एडिस मसूर, सूखे सेम, मटर, बदाम, एवोकैडो, गहरी हरी सब्जियों जैसे ब्रोकली, पालक कोलार्ड या शलजम साग, भिंडी, अंकुरित अनाज, एस्पेरेगस, खट्टे फल और जूस जैसे खाद्य पदार्थो से प्राप्त किए जा सकते हैं।
निष्कर्षो से पता चलता है कि जिन बच्चों की माताओं ने गर्भावस्था के दौरान यह खुराक ली, उनमें उच्च स्तर पर भावनात्मक लगाव और लचीलापन देखने को मिला।
ऐसे बच्चे अपने भावों को व्यक्त करने और मजबूत संबंध विकसित करने व तनाव से निपटने में अधिक समक्ष थे।
उत्तरी आयरलैंड के प्रोफेसर टोनी कैसडी ने कहा कि हमारे शोध से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान पूरे समय यदि यह खुराक ली जाए तो यह शिशु के लिए मनोवैज्ञानिक तौर पर फायदेमंद होती है।
शोध का परिणाम ब्रिघटन स्थित ब्रिटिश साइकोलॉजिकल सोसाइटी के वार्षिक सम्मेलन में पेश किया गया।
पहले के प्रमाणों से पता चलता है कि फॉलिक एसिड की खुराक गर्भावस्था के दौरान पहले तीन महीने लेना गर्भस्थ शिशु के दिमाग का विकास तेजी से करता है।
प्रसव से पहले विटामिन के साथ 400 माइक्रोग्राम फॉलिक एसिड की समुचित मात्रा गर्भावस्था के समय लेना शिशु के दिमाग और मेरुदंड को विकारों से बचाता है।
शोध के लिए 39 बच्चों के माता-पिता से सवाल जवाब किए गए और बच्चों के व्यक्तित्व की जानकारी ली गई।
इस समूह में 22 माताओं ने गर्भावस्था के पूरे समय में फॉलिक एसिड की खुराक ली थी, जबकि 19 माताओं ने सिर्फ शुरुआती तीन महीने ही खुराक ली थी।