जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे प्रदेश में अपराध एवं अपराधियों पर ‘‘जीरो टालरेंस‘‘ की नीति अपनायें।
उन्होंने कहा कि पुलिस उन पर सख्त कार्रवाई करे जो कानून तोड़ते हैं लेकिन कानून की पालना करने वाले लोगों के प्रति मानवीय एवं संवेदनशील रुख अपनायें तभी ‘अपराधियों में डर एवं आमजन में विश्वास‘ कायम होगा। मुख्यमंत्री गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कान्फ्रेंस हाल में कलक्टर-एसपी कान्फ्रेंस के दूसरे दिन पुलिस अधीक्षकों को सम्बोधित कर रही थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी घटना का पूर्वानुमान रखते हुए उसका विश्लेषण करें एवं समय रहते ठोस कदम उठा लें तो घटनाओं को बड़ा रूप लेने से रोका जा सकता है। पुलिस अधीक्षक इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दो लोगों के बीच का झगड़ा या कोई ’पर्सनल इश्यू’ साम्प्रदायिक तनाव का रंग न ले पाए। इस तरह की घटनाओं को समय रहते बड़ा होने से रोकना महत्वपूर्ण है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों एवं फोन का जवाब दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारी सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, प्रधान एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के पत्रों एवं फोन काल्स का जवाब दें। फोन नहीं उठाने की स्थिति में काल बैक करें। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवं फरियादियों के साथ रूखा व्यवहार करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए।
सड़क दुर्घटनाओें में कमी लाएं
राजे ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने पर जोर देते हुए कहा कि नशे में तथा मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाकर अन्य लोगों की जान को खतरे में डालने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें ताकि सड़कें सुरक्षित बन सकें। उन्होंने इसके लिए पुलिस अधीक्षकों को जिला प्रशासन, अन्य संबंधित विभागों एवं संस्थाओं के सहयोग से ठोस योजना बनाने के निर्देश भी दिए।
सोशल मीडिया पर मानीटरिंग के लिए बने सैल
राजे ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में सोशल मीडिया संवाद एवं अपनी राय रखने का अच्छा प्लेटफार्म बन गया है लेकिन कई बार इस प्लेटफार्म का दुरुपयोग लोगों की भावनाओं को भड़काने एवं साम्प्रदायिक रंग देने में किया जाता है। प्रदेश में ऐसी घटनायें सामने आई है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए एक सैल का गठन किया जाये ताकि इन गतिविधियों पर निगरानी रखकर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
कलक्टर्स के साथ सूचनाएं साझा करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर राज्यीय अपराधों पर लगाम कसने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पड़ौसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ नियमित संवाद रखें। इससे उन्हें महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिल सकेंगी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सीमा वाले जिलों के पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे बीएसएफ एवं सेना के अधिकारियों के साथ भी निरंतर संवाद रखें। उन्होंने कलक्टर्स के साथ इंटेलीजेंस इनपुट शेयर करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिला सतर्कता समिति की बैठकों में पुलिस अधीक्षक अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह इसकी व्यक्तिगत रूप से मानिटरिंग करेंगे।
चुस्त एवं सतर्क पुलिस विकास के लिए जरूरी
राजे ने कहा कि किसी भी प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी हो तो उसका सकारात्मक परिणाम निवेशकों पर पड़ता है। अतः सतर्क, चुस्त एवं चैकस पुलिस प्रदेश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाने में थानाधिकारी एवं कांस्टेबल की भूमिका भी अहम होती है। अपराध पर नियंत्रण के लिए प्रदत्त शक्तियों का वे सही इस्तेमाल करें तो परिदृश्य बदल सकता है। थाना प्रभारी से लेकर पुलिस कांस्टेबल हर समय आमजन से सम्पर्क में रहते है। ऐसे में उनका व्यवहार आम आदमी के लिए सहयोगात्मक हो।
तफ्तीश में तकनीक शामिल करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते समय में प्रशासन के अन्य क्षेत्रों की तरह पुलिसिंग में भी बदलाव आ रहे हैं। ऐसे में प्रभावी पुलिसिंग के लिये जरूरी है कि पुलिस अधिकारी अनुसंधान में आधुनिक तकनीक के उपयोग को शामिल करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार क्षेत्राधिकार को लेकर जरूरतमंद को समय पर पुलिस की मदद नहीं मिल पाती। थानाधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि किसी व्यक्ति को तत्काल मदद की जरूरत हो तो क्षेत्राधिकार में उलझने की बजाय मानवीय आधार पर उसकी मदद की जाए।
गुर्जर आंदोलन के दौरान पुलिस की भूमिका सराहनीय
राजे ने गुर्जर आंदोलन के दौरान प्रभावी पुलिस प्रबंधन की सराहना करते हुए गृहमंत्री, अति. मुख्य सचिव गृह एवं संबंधित पुलिस अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने प्रदेश में अपराधों में कमी लाने के लिए भी सभी को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा कमजोर वर्गों से संबंधित अपराधों में कमी आई है।
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षकों को प्रतिदिन जनसुनवाई करने, गवाहों की सुरक्षा, आबादी क्षेत्र में आ रही जेलों को शिफ्ट करने एवं उनमें पुख्ता सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
राज्य में अपराधों पर नियंत्रण
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने राज्य में अपराध नियंत्रण की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2012-13 की तुलना में प्रदेश में बीते छह माह में महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, पिछड़े वर्गों के प्रति अपराध की वृद्धि दर में उल्लेखनीय कमी आई है।
कटारिया ने कहा कि राज्य में वर्ष 2012-13 में अपराध में वृद्धि की दर 14.7 प्रतिशत थी जो वर्ष 2013-14 में 7.2 प्रतिशत पर आ गई। पिछले छह माह में यह वृद्धि दर माइनस 5 प्रतिशत रही है अर्थात् अपराध पर नियंत्रण हुआ है। इसी प्रकार 2012-13 में महिला अपराधों में बढ़ोतरी की दर 32 प्रतिशत थी जो वर्ष 2013-14 में मात्र 10 प्रतिशत रह गई। बीते छह माह में वृद्धि दर में माइनस 12 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस प्रकार डेढ़ साल में महिलाओं के प्रति अपराध की वृद्धि दर में कुल 44 प्रतिशत कमी आई है। अनुसूचित जाति, जनजाति के प्रति अपराध की वृद्धि दर वर्ष 2012-13 में 17 प्रतिशत थी जो वर्ष 2013-14 में मात्र 4 प्रतिशत और पिछले 6 महीनों में माइनस 12 प्रतिशत रह गई। उन्होंने कहा कि थोड़ी मेहनत की जाए तो राजस्थान अपराध नियंत्रण के साथ-साथ उसमें कमी लाने में माडल राज्य बन सकता है।
उन्होंने कहा कि जनसुनवाई पुलिस के लिए सबसे बड़ी मददगार है। इससे पुलिस को फीडबैक लेने में मदद मिलती है साथ ही उनके सम्मान में भी इजाफा होगा। गृहमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारी अपराधों में कमी लाने के लिए प्रयत्न करें लेकिन प्राथमिकी दर्ज करने में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। उन्होंने कहा कि सीएलजी में अच्छी छवि वाले लोगों को ही शामिल किया जाए। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को नियमित अपराध बैठकें करने के निर्देश देते हुए कहा कि रात्रि गश्त पुलिस के लिए वरदान है। श्री कटारिया ने बीट व्यवस्था को सशक्त बनाने, अनफिट पुलिसकर्मियों को फील्ड ड्यूटी नहीं देने, थानों के नियमित निरीक्षण, संपत्ति संबंधी अपराधों में कमी लाने, प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए। इससे पहले अति. मुख्य सचिव गृह श्री ए. मुखोपाध्याय ने कांफ्रेंस की विषयवस्तु की जानकारी दी।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य, मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सभी रेंज आईजी, पुलिस कमिश्नर भी उपस्थित थे।