सिरोही। दिल्ली से विहार करके बुधवार को सिरोही पहुंचने पर जैनाचार्य अभयदेव सूरी का जैन संघ की ओर से भव्य सामैया किया गया। उन्हें गाजे-बाजे के साथ थुम्ब की वाडी से हीरसूरी उपासरे तक ले जाया गया।
शहर में कई स्थानों पर उनका स्वागत किया गया। आचार्य ने मोदी लाइन स्थित सेठों की गली में रहने वाले बुद्धिचंद सेठ के यहां पर पगलिये किये। वहां पर निरंजन सेठ व संजय सेठ ने वंदन किया। बुधवार को आयोजित महामांगलिक में हैदराबाद, दिल्ली, चैन्नई, अहमदाबाद, जयपुर, नाथद्वारा, राघनपुर, मंडार, पिंडवाड़ा, मुंबई से अनेक भक्त पहुंचे।
पुण्य श्रद्धा से मिलता है
आचार्य अभदेवसूनी ने मांगालिक प्रवचन में ने कहा कि केवल धर्म या धार्मिक क्रिया से पुण्य नहीं मिलता है। पुण्य के लिए धर्म में श्रद्धा व विष्वास होना जरूरी है। धर्म में दिखावे का कोई स्थान नहीं है। धर्म में त्याग, तपस्या, सदभाव एवं जीवों के प्रति मंगल भाव का महत्व है। उन्होंने कहा कि संसार में व्यवस्था परिवर्तन तभी होता है, जब उसमंे व्यक्ति स्वयं समर्पित हो।सलाह देने वाले, धन देने वालों की आज कमी नहीं है। कमी तो काम करने वाले व समय का भोग देने वालों की है। ट्रस्ट मंडलों में ट्रस्ट के अधीन आने वाले धर्मस्थलों का विकास व प्रगति तभी होगी, जब ट्रस्टी वहां समय का भोग देगा।
उन्होंने कहा कि आज हर कोई नेता बनकर आदेश देने में आगे रहता है और स्वयं किसी कार्य को करना नहीं चाहता है, जो प्रगति के लिए रुकावट का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि सर्वकल्याण के लिए व्यक्ति को मांगलिक पाठ करके प्रभु हमें सेवा में लीन होने की शक्ति प्रदान करें। महामांगलिक पर प्रकाश डालते हुए आचार्य ने कहा कि परमात्मा ने हमें एक ऐसा ग्रंथ अखंड रूप से दिया है, जिसको हम प्रसादी के रूप में भक्तों को श्रवण कराकर उन्हें अच्छे मार्ग पर चलते हुए प्रभु भक्ति के लिए प्रेरित करते है।
किया गुरु पूजन
महामांगलिक के अवसर पर गुरुपूजन का लाभ गुजरात के धंधुका नगर पालिका के पूर्व प्रमुख प्रकाश भाई माली ने तथा काम्बली ओढ़ाने का लाभ सिरोही के बुद्धिचंद सेठ परिवार व वराड़ा के भंडारी परिवार ने लिए। सेठ व भंडारी परिवार ने संघ स्वामी वात्सल्य का भी लाभ लिया।
सभापति का अभिनंदन
महामांगलिक कार्यक्रम में जैन संघ की ओर से नगर परिशद के सभापति ताराराम माली को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर जैन संघ के प्रमुख टिलायत डाॅ. किशोर चैधरी व जैन संघ पेढ़ी के अध्यक्ष भरत मोदी ने उनका अभिनन्दन किया। सभापति ने आचार्य के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त कर महामांगलिक का श्रवण किया। पार्षद मनु मेवाड़ा के होटल में भी आचार्य के पदार्पण हुए, इस दौरान मेवाडा ने होटल में मांसाहार के उपयोग नहीं करने की घोषणा की। गुरुपूजन करने वाले युवा उद्यमी संजय सेठ ने कहा कि गुरुजनों की निश्रा में रहने से व्यक्ति का जीवन बदल जाता है और उसको मानव जीवन में क्या करना, कैसे करना, क्या नहीं करना का मार्गदर्षन मिलता है। राघनपुर पालिका के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश माली ने आचार्य के 106 मांगलिक श्रवण करने का इतिहास बताया। प्रारंभ में जैन संघ के मुख्य टिलायत डाॅ. किशोर चैधरी व जैन संघ पेढ़ी के अध्यक्ष भरत मोदी ने आचार्य एवं भक्तों का स्वागत करते हुए उनसे देवनगरी में चातुर्मास करने का भी अनुरोध किया।श्री संघ की ओर से ट्रस्टी अश्विन षाह ने आभार व्यक्त किया। समारोह में दिल्ली से जीव जंतु बोर्ड के निदेषक दिनेश मेहता, विधानसभा की पूर्व उपाध्यक्ष तारा भंडारी व विभिन्न जैन संघों के प्रमुख व पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। दोपहर में आचार्य की निश्रा में सेठ केपी पेढ़ी के ट्रस्ट मंडल की एक बैठक हुई, जिसमें देलवाड़ा तीर्थ के विकास पर विचार विमर्श हुआ।