न्यूयॉर्क। फोर्ब्स ने 30 साल से कम उम्र के ‘सुपर अचीवर्स’ की 2017 वाली लिस्ट में भारतीय मूल के 30 से ज्यादा इनोवेटर्स, ऑन्ट्रप्रन्योर्स और लीडर्स को जगह दी है।
फोर्ब्स की इस लिस्ट में शामिल युवा ऐसे धुरंधर हैं, जो दुनिया में बनी जड़ता को खत्म कर उसका हुलिया बदलने की कोशिश में जुटे हैं। लिस्ट में शामिल 30 गेम चेंजर्स हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग, स्पोर्ट्स और फाइनैंस सहित 20 इंडस्ट्रीज के हैं।
फोर्ब्स के मुताबिक ‘इस लिस्ट में शामिल 600 लोग पारंपरिक सोच को बदल रहे हैं और नई पीढ़ी के ऑन्ट्रप्रन्योर्स, एंटरटेनर्स, एजुकेटर्स आदि के लिए नए नियम बना रहे हैं। ये अच्छे कामों को लेकर जोश दिखाने वाले लोग हैं। इनका उद्देश्य यथास्थिति खत्म करना और दुनिया का हुलिया बदलना है।’ ग्रुप में भारतीय मूल के 30 से ज्यादा युवक और युवतियां हैं, जो अपने क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। इस लिस्ट में नियोलाइट के को-फाउंडर 27 साल के विवेक कोप्पार्थी हैं। इनकी कंपनी ने पोर्टेबल फोटोथेरपी डिवाइस डिवेलप की है, जिसका इस्तेमाल जॉन्डिस के इलाज में होता है।
कंपनी बच्चों में हाइपोथर्मिया के इलाज के लिए दूसरे टूल पर काम कर रही है। विकासशील देशों में लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए 27 साल की प्रार्थना देसाई ने हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल प्रोग्राम बीच में ही छोड़ दिया। हेल्थकेयर कंपनी जिपलाइन में उनका काम रवांडा में ड्रोन सर्विस के जरिए मेडिसिन डिलिवरी सिस्टम को हेल्थकेयर सिस्टम से जोड़ना है। 28 साल के शॉन पटेल हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में ऑर्थोपेडिक सर्जरी चीफ रेजिडेंट हैं और इनके नाम कई सर्जरी जर्नल्स में इनके दर्जनों सायंटिफिक पब्लिकेशंस आए हैं।
इनकी कंपनी ऑर्थोनिंजा डॉक्टरों के बीच कम्यूनिकेशन को सहज करने के लिए मोबाइल ऐप बनाती है जो उनको एक दूसरे से कंसल्ट करने में मददगार होती है। अवेरिया हेल्थ सॉल्यूशंस के फाउंडर 17 साल के रोहन सूरी ने दिमागी चोट के टेस्ट का सुधरा वर्जन डिवेलप किया है। लिस्ट की लॉ और पॉलिसी कैटेगरी में दिग्गज थिंकटैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में ऐक्टिंग डायरेक्टर: एनर्जी सिक्यॉरिटी ऐंड क्लाइमेट चेंज, 27 साल के वरुण शिवराम को जगह दी गई है।
शिवराम ने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है और वह स्टैनफोर्ड के एनर्जी और इन्वाइरनमेंट इंस्टीट्यूट के अडवाइजरी बोर्ड में हैं। मैन्युफैक्चिरिंग और इंडस्ट्री में 28 साल की नेहा गुप्ता ने ऐपल के हाथों ड्रे के बीट्स की बिक्री में अहम रोल अदा किया था। नेहा DAQRI में मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन मैनेज करती हैं।