हिसार। हरियाणा में भिवानी जिले के चरखी दादरी के एक आश्रम में एक नाबालिग लड़की का समलैंगिक विवाह एक साध्वी के साथ कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चरखी दादरी में पिछले 12 साल से श्रीकृष्ण प्रणामी आश्रम चल रहा है। लंबे समय तक इस आश्रम में रही नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया है कि यहां की मुख्य साध्वी ने एक सहायक साध्वी के साथ उसका समलैंगिक विवाह कराया और अप्राकृतिक यौनाचार किया। छात्रा ने यह बयान 29 नवंबर को मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए।
मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए इस बयान से एक दिन पहले पुलिस ने इस लड़की के डीएसपी के समक्ष दिए गए बयान के आधार पर साध्वी के खिलाफ वशीकरण की धारा लगाकर केस दर्ज किया। गत रविवार को साध्वी की गिरफ्तारी हुई और जमानत भी मिल गई। मामले में नया मोड़ तब आया जब बाल कल्याण कमेटी और शिखर चेतना संगठन ने सोमवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने लड़की के बयान के हिसाब से धाराएं नहीं लगाईं।
भिवानी के एसपी अश्विन शैणवी का कहना है कि आाम में नाबालिग लड़की को वशीकरण कर बंधक बनाए जाने के मामले में अब तक हुई जांच में यौनाचार संबंधी कोई बात सामने नहीं आई हैं। लड़की के मेडिकल में भी इस तरह का कोई तथ्य सामने नहीं आया है। फिर भी मामला नाबालिग लड़की से जुड़ा हुआ है इसलिए पुलिस इसकी दोबारा से जांच कराएगी।
पीडित लड़की ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया कि वह मई 2013 से आश्रम के सिलाई केद्र से जुड़ी हुई है। नवंबर 2013 में मुख्य साध्वी ने भगवान श्रीकृष्ण को साक्षी मानते हुए उसका समलैंगिक विवाह 22 वर्षीय सहायक साध्वी के साथ करा दिया। इसके बाद मुख्य साध्वी ने उन्हें पति पत्नी के रूप में रहने का आदेश दिया। उसे कॉलेज जाने के लिए रोका गया।
बाल कल्याण कमेटी की अध्यक्ष राजबाला श्योराण ने बताया कि पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं वे लड़की के बयान से अलग हैं। लड़की ने कमेटी के समक्ष लिखित बयान दर्ज कराकर अपने साथ आश्रम में अप्राकृतिक यौनाचार की बात कही है। इसलिए कमेटी ने एसपी और थाना प्रभारी को लड़की के बयान के आधार पर धाराएं लगाने का आग्रह किया है।