प्रकृति की झोली में हम इंसानों के लिए अगग्न्ति रहस्य है, जो हमेशा हमे चौकाते है। हम जितना प्रकृति के करीब जाते है, उतने ही नए रंग देखने को मिलते है। जैसे कि ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ या कि हिंदी में कहें तो जंगल स्नान।
सुनने में यह टर्म थोड़ी अजीबो गरीब लगती है, लेकिन यह टर्म विश्वभर में अब अपनी पकड़ बना रही है। क्योंकि बिना दवा और एक्सरसाइज के फिट एण्ड फाइन रहने के लिए जापनियों का यह फंडा अब लोगों को रास आ रहा है। तो आइए जानते है ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ क्या है और इसके जरिए आप अपनी जिंदगी कैसे बना सकते हैं हेल्दी।
‘फॉरेस्ट बाथिंग’ कॉन्सेप्ट
जिंदगी को टेंशनफ्री, हेल्दी और खुशनुमा बनाने के लिए जापानियों ने इस नेचुरल विधि पर सालों रिसर्च की है। जिसमें हेवी वर्कआउट, जिमिंग और जॉगिंग के बिना भी लोगों की जिंदगी को हेल्दी और टेंशनफ्री बनाया जाता है। ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ में जंगल या कहें तो घने पेड़ों की पंक्तियों के बीच कुछ देर शांति से घूमना फिरना होता है।
जापानियों ने की खोज
दुनिया में पहली बार बार जापानी वैज्ञानिकों ने ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ का कॉन्सेप्ट ईजाद किया। हेल्थ के लिए जबरदस्त फायदेमंद ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ का मतलब होता है ‘जंगल यानि पेड़ों के बीच आरामदायक और शांत चहलकदमी’। ‘हेल्थ को लेकर जापान ने 1982 में लॉन्च किया था नेशनल हेल्थ प्रोग्राम जिसका नाम था ‘शिनरिन योकू’ जिसका जैपनीज लैंग्वेज में अर्थ होता है ‘पेड़ों के आसपास ज्यादा समय बिताना’।
इसी के अंतर्गत जापान में ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ काफी पॉपुलर है और लोग खुद को हेल्दी और फिट रखने के लिए जंगल में खूब घूमते हैं। जापानी वैज्ञानिकों के अनुसार फॉरेस्ट बाथिंग का मतलब पेड़ों की शुद्ध और साफ हवा लेना भर नहीं है, बल्कि पेडों के बीच से गुजरने के दौरान पेडों से निकलने वाले तमाम तरह के ऑयल और उनकी महक हमारे शरीर तक पहुंचती है।
इससे हमारा शरीर तमाम तरह के कीटाणुओं और वायरस से सुरक्षित रहता है। इसके अलावा ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ से लोगों का दिल मजबूत और ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है। टेक्नोलॉजी से घिरे हमारे जीवन को तनाव और स्ट्रेस मुक्त बनाने में ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ दमदार रोल प्ले करता है।
स्ट्रेस लेवल को करता है कम
फॉरेस्ट बाथिंग, से मिलने वाला मुख्य फायदा यही है कि इससे हमारा पूरा स्ट्रेस छूमंतर हो जाता है। इतना ही नहीं फॉरेस्ट बाथिंग से स्ट्रेस दूर होता है, इसे साबित करने के लिए एक रिसर्च भी किया गया। जिसके लिए कुछ जापानी रिसर्चस ने टीम बनाकर काम किया। जापान के 24 वनों में हुए इस टेस्ट में 6 6 की टीम बनाकर रिसर्चस ने काम किया, जिसमें कुछ शहर गए, तो कुछ ने जंगलों में समय बिताया। कुछ समय बाद सामने आया कि जो लोग जंगल में थे, उनकी प्लस रेट, बीपी और हार्ट में पॉजेटिव चेंज आया है। जबकि शहर में रहने वालों में यही चेंज नेगेटिव था।
ब्ल्ड प्रेशर को करता है कंट्रोल
कुछ समय के लिए शहरी गतिविधियों से दूर रहने से न सिर्फ आप रिफ्रेश होते है, बल्कि आपका बीपी भी कंट्रोल में आता है। जापानियों की इस फॉरेस्ट बाथिंग कॉन्सेप्ट में यह बात खुलकर सामने आई है कि करीबन सात दिन भी हरे भरे जंगल में बिताए जाएं तो आपका बीपी शहर कि तुलना में ज्यादा कंट्रोल होगा।
इम्युन सिस्टम होता है बूस्ट
बीपी और दिल की बीमारियों में फायदा करने के साथ ही यह फॉरेस्ट बाथ हामरी इम्युन सिस्टम को भी ताकतवर बनाता है। क्योंकि जंगल में हरे भरे वातावरण में सयम बिताने से हमारी बॉडी व्हाइट ब्लड सेल्स मजबुत होती है, जो कि हमारी इम्युन सिस्टम का सबसे अहम अंग है। क्योंकि यही सेल्स हमे किसी भी तरह कि बीमारी से बचाती है।
बनाए जा रहें है ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ क्लब
वैसे तो ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ जापान के साथ साथ यूरोपियन कंट्रीज से लेकर कनाडा तक पॉपुलर होती जा रही है, लेकिन जापान की हेल्थ पॉलिसी का हिस्सा होने के कारण यहां शहरी बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी वीक में कुछ समय निकालकर ‘जंगल बाथ’ जरूर करते हैं। इसे प्रमोट करने के लिए जापान में तमाम ‘फॉरेस्ट बाथिंग’ क्लब भी बन गए हैं। यहां के लोगों को मानना है कि ऐसा करने से उनका तनाव कम रहता है और ज्यादा चुस्ती फुर्ती के साथ वो ज्यादा खुश महसूस करते हैं।
फॉरेस्ट बाथिंग के लाभ
एनेर्जी लेवल बढ़ता है।
स्ट्रेस को दूर करता है।
बीपी को कम करता हे।
इम्यून सिस्टम को इम्प्रूव करता है।
किसी भी तरह की बीमारी में जल्द रिकवरी करता है।