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forest department impose 20 lakh panelty on brahmkumari for mining in esz
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वन क्षेत्र में खनन पर वन विभाग ने ब्रहमाकुमारी से वसूला 20 लाख जुर्माना

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वन क्षेत्र में खनन पर वन विभाग ने ब्रहमाकुमारी से वसूला 20 लाख जुर्माना
miningin esz area bya pokland machhine by brahmakumari institute
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सबगुरु न्यूज-सिरोही/आबूरोड/माउण्ट आबू। वन विभाग ने ईको सेंसेटिव जोन के बफर जोन में पहाडियों की खुदाई करने पर आबूरोड स्थित ब्रहमकुमारी संस्थान पर बीस लाख रुपये का जुर्माना किया है। संस्थान ने सोमवार को माउण्ट आबू के उप वन संरक्षक के खाते में बीस लाख रुपये का डीडी जमा करवा दिया है।

वन विभग की ओर से प्रदेश की यह अब तक का सबसे ज्यादा जुर्माना बताया जा रहा है। माउण्ट आबू एसीएफ केजी श्रीवास्तव ने रविवार को निरीक्षण के दौरान माउण्ट आबू सेंचुरी के बफर जोन में ईको सेंसेटिव जोन में पोकलेंड मशीन से पहाडी खोदते हुए पकडा था।
माउण्ट आबू एसीएफ केजी श्रीवास्तव ने सबगुरु न्यूज को बताया कि आबूरोड तलहटी स्थित जमीन माउण्ट आबू सेंचुरी से सटी एक किलोमीटर रेडियस की भूमि ईको सेंसेटिव जोन के बफर जोन में आती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इस क्षेत्र में भी ईको सेंसेटिव जोन के नियम लागू होता है।
उन्होंने बताया कि यूआईटी के चेयरमेन सुरेश कोठारी के साथ इस क्षेत्र में रविवार को बफर जोन की सीमा निर्धारण के निरीक्षण के लिए गए थे। इस दौरान माउण्ट आबू सेंचुरी की सीमा से चालीस मीटर बाहर स्थित पहाडी को पोकलेंड मशीन से खोदा जा रहा था। पूछने पर सामने आया कि ब्रहमकुमारी संस्थान की ओर से कार्य करवाया जा रहा है।

पोकलैंड मशीन को जब्त कर लिया गया।  इस मौके यूआईटी सचिव सुरेश कोठारी, सदर थाना अधिकारी सुमेर सिंह, वन संरक्षक कृपाल सिंह, डीएफओ केजी श्रीवास्तव मौजूद थे। इसके लिए वन अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए संस्थान पर बीस लाख रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया। जिसका चेक सोमवार को संस्थान ने जमा करवा दिया है। फिलहाल इस मामले में और जांच की जा रही है।
-अरावली का एक किलोमीटर में वैसे भी नहीं हो सकती खुदाई
एसीएफ ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अरावली पहाडी के एक किलोमीटर की दूरी तक वैसे भी खनन नहीं किया जा सकता है। माउण्ट आबू वन अभयारण्य में स्थित इस भूमि और अरावली के एक किलोमीटर की दूरी में खनन करने के दोहरी अवहेलना संस्थान की ओर से हुई है।