सबगुरु न्यूज-माउण्ट आबू। राजस्थान की अरावली पर्वत श्रंखला पर मौजूद माउंट आबू सेंचुरी में शुक्रवार सवेरे भडके दावानल पर चैथे दिन सोमवार सवेरे तक वायुसेना के दो हेलीकाॅप्टर्स और वन, सीआरपीएफ, आर्मी, प्रशासन के कार्मिकों तथा स्थानीय लोगों की मदद से काफी हद तक काबू पा लिया गया है। प्रशासन के इस दावे की पुष्टि फाॅरेस्ट सर्वे आॅफ इंडिया की सोमवार की फाॅरेस्ट फायर रिपोर्ट भी कर रही है। जिसके अनुसार सोमवार रात दो बजे तक सेटेलाइट में सिरोही जिले में मात्र 4 फाॅरेस्ट फायर प्वाइंट ही नजर आ रहे थे।
माउण्ट आबू के इतिहास में यहां के जंगलों में इतनी भयंकर आग अब तक किसी ने देखी नहीं थी। इसलिए आग की भयावहता को देखते हुए एसीएफ ने राज्य सरकार से हेलीकाॅप्टर से मदद करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद प्रशासनिक दखल से वायुसेना के हेलीकाॅप्टर शुक्रवार से ही यहां पर आग बुझाने में लगे हुए थे।
जिला कलक्टर अभिमन्युकुमार ने बताया कि दावानल पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है और वायुसेना के हेलीकाॅप्टर्स को वापस भेज दिया गया है। एसीएफ केजी श्रीवास्तव ने बताया कि लेंटाना और पतझड के मौसम में गिरे सूखे पत्तों की वजह से यह आग ज्यादा तेजी से फैली।
सीसीएफ जीएस भारद्वाज, डिविजनल कमिश्नर रतन लाहोटी, जिला कलक्टर अभिमन्युकुमार आदि अभी भी माउण्ट आबू में ही हैं। स्थिति काबू में रही तो शाम तक यह लोग भी प्रस्थान कर जाएंगे। वैसे तीन दिन से माउण्ट आबू में भागदौड के बाद एडीएम जवाहर चैधरी प्रशासनिक कामकाज निपटाने के लिए सिरोही आ गए हैं। इधर, 3 दिन से नक्की झील मेन बन्द नौकायन को सोमवार से फिर से बहाल कर दिया गया है।
-सेटेलाइट इमेज में भी दिख रहे हैं कम फायर प्वाइंट
फाॅरेस्ट सर्वे आॅफ इंडिया की ओर से देश भर में वनों के लिए जारी फाॅरेस्ट फायर की सोमवार की रिपोर्ट में शुक्रवार रात्रि को दो बजे की रिपोर्ट से कम फायर प्वाइंट बताए जा रहे हैं। नासा के सेटेलाइट की मदद से ली गई इमेजिंग के अनुसार शुक्रवार की रात दो बजे जहां सिरोही जिले में 69 फायर प्वाइंट दिखाए जा रहे थे वहीं रविवार रात्रि दो बजे की रिपोर्ट में घटकर मात्र चार रह गए थे।
वहीं दोपहर 11.49 बजे 27 डिग्री 34मिनट 27 सकेंड के उत्तरी अक्षांश और 72 डिग्री 44 मिनट 39 सेकेड देशांतर पर फायर प्वाइंट दिखा रहा है। वहीं दोपहर 1.09 बजे 24 डिग्री 34 मिनट 21 सेकेंड उत्तरी अक्षांश और 72 डिग्री 44 मिनट 50 सेंकेंड देशांतर पर एक एक फायर प्वाइंट नजर आ रहा था, यह अक्षांश और देशांतर स्थिति माउण्ट आबू में आरणा हनुमान के आसपास है, जहां पर इसी समय उपखण्ड अधिकारी सुरेश ओला समेत वन विभाग के अधिकारी कार्मिक आदि यहां पर आग बुझाने में व्यस्त थे।
-आरणा में दोपहर में भभका दावानल
आबूरोड-माउण्ट आबू मार्ग पर आरणा हनुमान मंदिर के पास ही सोमवार दोपहर को फिर से आग भभकी, जिसे बुझाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए। इसके लिए यातायात रोकना पडा।
शुक्रवार को माउण्ट आबू की अनादरा की तरफ की पहाडियों में फैली आग शनिवार और रविवार को आबूरोड-माउण्ट आबू रोड तक बढ गई थी। कई बार आग दौडती हुई सडक पर भी पहुंच गई। इसे बुझाने के लिए कई बार इस मार्ग पर यातायात को रोकना पडा।
-फायर लाइन काटने के एक्सपर्ट बुलवाए
आग की भयावहता को देखते हुए माउण्ट आबू पहुंचे सीसीफ वाइल्डलाइफ जीएस भारद्वाज ने जोधपुर में फायर लाइन काटने की ट्रेनिंग ले रहे वनकर्मियों को भी बुलवाया। इसके अलावा बाडमेर, पाली व गुजरात के दांतीवाडा प्रोजेक्ट के वनकर्मियों को भी जंगल की आग पर काबू पाने के लिए बुलवाया गया।
-हवा बन रही है समस्या
दावानल पर लगभग काबू पा लिया गया है। शुक्रवार की बनिस्पत सोमवार सवेरे तक इस दवानल पर 95 प्रतिशत तक काबू पा लिया गया है। जिला कलक्टर ने बताया हवा के कारण छिटपुट स्थानों पर आग अब भी सुलग रही है। इसे विभिन्न विभागों के कार्मिकों के सहयोग से बुझाने का प्रयास किया जा रहा है।
-तीन दिन तक लगे रहे हेलीकाॅप्टर
भयावह आग के कारण शुक्रवार और शनिवार को आग पर काबू पाने के लिए बुलवाए गए वायुसेना के हेलीकाॅप्टर्स को वापस भेज दिया गया है। दुर्गम घाटियों व मानव पहुंच से दूर स्थानों पर आग फैलने के कारण वन विभाग और प्रशासन को हेलीकाॅप्टर से दावानल को बुझाने के लिए मदद लेनी पडी।
राजस्थान में हेलीकाॅप्टर से जंगल की आग को बुझाने का इतना लम्बे समय तक पहली बार इस्तेमाल किया गया है। वैसे पिछले पखवाडे उदयपुर की जिरवा घाटी में हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल किया था, लेकिन वहां आग इतनी वृहद स्तर पर नहीं फैली थी कि चार दिन तक वायुसेना को हेलीकाॅप्टर से इसे बुझाने के लिए पानी डालना पडे।
-आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन तक नहीं
माउण्ट आबू सेंचुरी पहाडी क्षेत्र में स्थित राजस्थान की सबसे बडी सेंचुरी में से एक है। इसके बावजूद यहां पर वन विभाग के पा आग बुझाने के समुचित संसाधन तक नहीं हैं। माउण्ट आबू नगर पालिका के पास भी बडा अग्निशमन वाहन नहीं है, जिससे आग लगने पर आबूरोड और आसपास की निजी संस्थाओं की ओर मुंह ताकना पडता है। वैसे इस बार बडी आग से सबक लेकर आबू पर्यावरण समिति के माध्यम से यह खरीद करने का निर्णय किया है।
-इनका कहना है….
दावानल पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। हवा के कारण छिटपुट जगह आग पकड रही है। इसे बुझाने के लिए कार्मिकों की मदद काफी है। वायुसेना के विमानों को भेज दिया गया है।
अभिमन्युकुमार
जिला कलक्टर, सिरोही।
reletade news…
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