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forest fire broke out in mount abu, water showering by helicopter in effected forest
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माउण्ट आबू अभयारण्य में भयावह आग, नौकायन और बाजार बंद करवाए

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माउण्ट आबू अभयारण्य में भयावह आग, नौकायन और बाजार बंद करवाए
helecoper filled bucket from nakki lake to extinguish forest fire in mount abu
helecoper filled bucket from nakki lake to extinguish forest fire in mount abu

सबगुरु न्यूज-सिरोही/माउण्ट आबू। माउण्ट आबू वन्यजीव अभयारण्य में भयंकर आग लगी है। आग की भयावहता की अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इसे बुझाने के लिए माउण्ट आबू अभयारण्य में पहली बार हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है वहीं यहां के नक्की में नौकायन बंद करवाकर एहतियातन नक्की के आसपास के बाजार को भी बंद करवाया है।

 

दो दशकों की अब तक की यह सबसे भयावह दावानल होगा। आग हनीमून प्वाइंट से सनसेट प्वाइंट के जंगलों के बीच करीब नौ किलोमीटर से भी ज्यादा क्षेत्र में फैली है। इसका धुआं नक्की झील और नक्की बाजार में से भी नजर आ रहा है।
उपखण्ड अधिकारी सुरेश ओला ने बताया कि माउण्ट आबू अभयारण्य में हनीमून प्वाइंट से लेकर सनसेट प्वाइंट तक के जंगलों में यह फैल चुकी है।

उन्होंने बताया कि सवेरे करीब नौ बजे के आसपास यह आग हनीमून प्वाइंट की तलहटी पर अनादरा की तरफ उठती हुई नजर आई थी। इस दौरान वनकर्मियों ने इसे बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया था, लेकिन तेज हवा के कारण आग ने विस्तार कर लिया और यह सनसेट प्वाइंट के जंगलों तक फैल गई।

smoke in mount abu forest

यह पूरा इलाका इतना दुर्गम है कि इसमें मानव गतिविधि से आग बुझाने संभव नहीं था। इसके लिए यहां दावानल बुझाने के िलिए पहली बार हैलीकाॅप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। हैलीकाॅप्टर के नक्की झील से पानी भरने के कारण नक्की में नौकायन पूरी तरह से बंद करवाया गया है वहीं पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर नक्की बाजार भी बंद करवाया गया है।

एसडीएम ओला ने बताया कि आग बुझाने के लिए आर्मी, एयरफोर्स, सीआरपीएफ, वन विभाग समेत करीब छह सौ से ज्यादा लोग लगे हुए हैं। फायर लाइन काटने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आग के करीब 10 से 12 पेचेज हैं।
-वायुसेना के हैलीकाॅप्टर से लिया जायजा
दावानल के भयावह रूप धारण करने की सूचना मिलने पर प्रशासन भी एकदम हाई अलर्ट पर आ गया। एयरफोर्स, आर्मी और सीआरपीएफ की मदद से वनकर्मियों ने फायर लाइन काटने का काम शुरू कर दिया। इसके बाद करीब सीएम कार्यालय, एडीजी, आर्मी, सीआरपीएफ, आर्मी सभी को इंफाॅर्म किया।

11.30 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय से हैलीकाॅप्टर की मांग की गई। इस पर करीब दो बजे के आसपास हेलीकाॅप्टर पहुंचा। पहले आग का जायजा लिया इसके बाद रस्सी से बकेट लगाकर हेलीकाॅप्टर के माध्यम से आग वाले क्षेत्र में पानी का छिडकाव शुरू किया गया।
-पहली बार हेलीकाॅप्टर का प्रयोग
माउण्ट आबू की पहाडियों में स्थित इन जंगलों में पहली बार आग बुझाने के हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल किया गया है। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आग की भयावहता कितनी है। पूरी पहाडियां आग और धुएं से घिरी हैं।

माउण्ट आबू में हनीमून प्वाइंट और सनसेट प्वाइंट के बीच के जंगलों की पहडियां इतनी खडी हुई हैं कि इस पर किसी इंसान का चलना और पहुंचना काफी मुश्किल है। ऐसे में इस आग का बुझाने के लिए हेलीकाॅप्टर का इस्तेमाल किया।
-बकेट से नक्की से भर रहा है पानी
हेलीकाॅप्टर के नीचे लम्बी रस्सी से एक बकेट बांधी हुई है। इस बकेट से हेलीकाॅप्टर नक्की से ठीक वैसे ही पानी भर रहा है जैसे किसी कुएं में रस्सी डालकर बाल्टी से पानी भरा जाता है। यहां से पानी लिफ्ट करके आग वाले इलाके में पानी का छिडकाव कर रहा है।