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forest gaurd stands in queue of atm to caught bear hunter
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नोटबंदी में शिकारी को पकडने के लिए दो दिन एटीएम लाइन में लगे वनकार्मिक

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नोटबंदी में शिकारी को पकडने के लिए दो दिन एटीएम लाइन में लगे वनकार्मिक
organs of sloth bear and weopans used for hunting of sloth bear in mount abu
organs of sloth bear and weopans used for hunting of sloth bear in mount abu
organs of sloth bear and weopans used for hunting of sloth bear in mount abu

सबगुरु न्यूज-माउण्ट आबू। संत सरोवर के ंजंगल में गत महीने 12 दिसम्बर को मृत मिले भालू के शिकारियों को पकडने के लिए वन विभाग के कार्मिकों को फील्ड के अलावा एटीएम पर भी मशक्कत करनी पडी थी। दो दिन तक माउण्ट आबू वन्यजीव अभयारण्य के कार्मिक माउण्ट आबू के विभिन्न एटीएम पर शिकारी को ट्रेप करने के लिए सौदेबाजी करने को नोट एकत्रित करने के लिए कतार में लगे रहे थे।
उन वन संरक्षक केजी श्रीवास्तव ने बताया कि भालू की नृशंसता से हत्या की गई थी। इसे देखकर कार्मिक भी विव्हल थे। ऐसे में बिना सरकारी वाहन और वर्दी के लगातार शिकारी की तलाश में लगे रहे। फिर एक दिन भालू के नाखून और दांत का सौदा करने वाला मिल गया तो उसे देने के लिए सौदे के 20 हजार रुपये निकालने को वनकर्मियों ने नोटबंदी के बीच में एटीएम में भी कतारें लगाई।

दो दिन लगातार एटीएम पर मायूस होने के बाद एयरफोर्स वाले एटीएम में जब पैसे आए तो वहां पर सभी ने लाइन में लगकर बीस हजार रुपये एकत्रित किए। इसके बाद भालू के दांत और नाखून के सौदा करने वाले को बुलावाया और फिर उसे धर दबोचा।
उल्लेखनीय है कि माउण्ट आबू के संत सरोवर में 12 दिसम्बर को फंदा लगाकर शिकारी ने भालू को पकडा था। फिर नृशंसता से उसके चारों पंजे और मुंह काट लिए थे। इसके बाद डीएफओ केजी श्रीवास्तव के नेतृत्व में गठित वन विभाग के दल ने ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 48 घंटे में ही शिकारी को पकडने में सफलता हासिल की थी।

इस मामले में बीस हजार रुपये में भालू के अंगों का सौदा करने आए सोमाराम भील पुत्र सवाराम भील को पकडने के बाद भालू का शिकार करने वाले सोमराम पुत्र भीखाराम जोगी को भी गिरफ्तार कर लिया।
-सात से दस साल की सजा, जमानत भी मुश्किल
काला भालू भी बाघ की तरह शिड्यूल वन में शामिल कर लिया गया है। बाघ की तरह ही इसके शिकार और हत्या पर भी सात साल की सजा का प्रावधान है, जिसे दस साल करने का भी प्रस्ताव है।

माउण्ट आबू डीएफओ केजी श्रीवास्तव ने बताया कि भालू को शिड्यूल वन में रखने और सात साल की सजा होने से आरोपियों को जमानत मिलने में भी समस्या आएगी। वन विभाग ने वन अधिनियम के तहत इस मामले में पुख्ता कार्रवाई की है ताकि माउण्ट आबू में भालुओं के लिए सुरक्षित वातावरण मिल सके।