गुवाहाटी। असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि खुफिया विभाग की जानकारी के बगैर जेड प्लस सुरक्षा (एनएसजी) हटाने के पीछे षडयंत्र है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी सुरक्षा से एनएसजी को हटाया जाता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन खुफिया विभाग की जानकारी के बगैर सुरक्षा को हटाने के पीछे कहीं न कहीं षडयंत्र है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने निश्चित ही राज्य सरकार से प्रतिवेदन मांगा होगा। इससे यह साफ हो जाता है कि यह भाजपा का एक षडयंत्र है। उन्होंने कहा कि मैं असम के स्वार्थ के लिए सदैव बोलते रहूंगा।
मुख्यमंत्री के इस कथन के पीछे का आशय यह है कि उनके बोलने के चलते ही उनकी जेड प्लस सुरक्षा को हटाया गया है। उन्होंने राज्य की सर्वानंद सोनोवाल पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि पूर्व की सरकार के शासनकाल में गैंडे की हत्या होने पर भाजपा कहती थी कि गोगोई और पूर्व वन मंत्री रकिबुल हुसैन दोषी हैं।
अभी भी गैंडे की हत्या हो रही है, अब कौन इसके लिए दोषी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार केवल मेरे कार्यकाल के दौरान ही नहीं हुआ, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत के शासनकाल के दौरान भी हुआ था। भ्रष्टाचार सौ वर्षों से लगातार चलता आ रहा है।
असम विधानसभा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के संबंध में कहा कि उन्हें इस संबंध में कुछ भी नहीं कहना है, यह भाजपा का अपना अंदरुनी मामला है, लेकिन इतना तो सही है कि विधानसभा का अध्यक्ष किसी पार्टी को नहीं होता है। ऐसे में विस अध्यक्ष को पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने से सवाल तो खड़े ही होंगे।