लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठनमंत्री के रूप में काम कर चुके संजय जोशी लंबे समय तक साइड लगे रहे। सीडीकांड के अलवा कई तरह के आरोपों से घिरे रहे। तकरीबन एक दशक वनवास झेलने के बाद अब अचानक सक्रिय हो गए हैं।
लखनऊ के एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए जोशी अब चुनिन्दा कार्यकर्ताओं से नहीं बल्कि आरएसएस और भाजपा के दिग्गज नेताओं से घिरे रह रहे हैं। कयास लगाया जा रहा है कि इनका कद बढऩे वाला है।
वर्ष 2001 से 2005 तक राष्ट्रीय संगठन मंत्री का दायित्व संभालने वाले जोशी ने अपने संगठनकर्ता की छवि से पार्टी में एक पैठ बनाई थी। कुछ आरोपों की वजह से पार्टी ने इनसे किनारा कसना शुरू कर दिया था।
सीडीकांड से सुर्खियों में आने वाले जोशी पोस्टर वार को लेकर भी विवाद में रहे। परिणाम, इनके कार्यक्रमों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के नेता आने से परहेज करने लगे थे।
तकरीबन एक दशक का वनवास झेल चुके जोशी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इन्हें लेकर कई तरह की चर्चाएं चल पड़ीं हैं। मंगलवार को इनके आसपास आने वाले आरएसएस और भाजपा के दिग्गज कई तरह के संकेत दे गए। कयास लगाया जा रहा है कि अब जोशी एक बार फिर भाजपा की राजनीतिक धुरी की ओर बढ़ रहे हैं।
आरएसएस के विभाग संचालक जयकृष्ण सिन्हा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता कर जोशी के कद बढ़ाए जाने के कयास को बल दे दिया। भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अशोक तिवारी, प्रदेश मंत्री मधु मिश्रा, भाजपा की पत्रिका के प्रबंध सम्पादक राजकुमार और आधा दर्जन पूर्व व वर्तमान पार्षदों का कार्यक्रम के अंत तक जमे रहना भी बहुत कुछ बयां कर गया।