इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बसपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद द्वारा जारी गैर जमानती वारंट के खिलाफ हस्तक्षेप से इन्कार कर याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने आदेश दिया कि कुशवाहा सीबीआई कोर्ट मे हाजिर होकर अपना पक्ष रखें। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को इस मामले में निर्णय लेने का पूरा हक है। यह आदेश शुक्रवार को जस्टिस अरूण टंडन ने बाबू सिंह कुशवाहा कि अर्जी को खारिज करते हुए दिया।
कोर्ट ने 50 लाख रूपए हरेक केस में जमा करने की शर्त पर जमानत से रिहा कुशवाहा की इस मामले मे याचिका खारिज कर दी। जमानत पर चार केसों में रिहा कुशवाहा के इन चारों केस में कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया।
इन केसों के अलावा भी करोड़ों के एनआरएचएम घोटाला मे अन्य आरोपियों की याचिकाओं पर भी कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया। कुशवाहा के वकील का कहना था कि सीबीआई ने एनआरएचएम घोटाले में चार्जशीट दायर करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति नहीं ली है।
ऐसे में सीबीआई कोर्ट को याची के विरूद्ध अभियोग चलाने का कोई विधिक हक नहीं है। जबकि सीबीआई का कहना था कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार से अनुमति की आवश्यकता नहीं है।