जयपुर। छबीस साल की उम्र में बागी बने मलखान सिंह एक मात्र ऐसे बागी है जिन्हे दद्दा के नाम से जाना जाता है। चम्बल घाटी में खौफ का दूसरा नाम रहे मलखान सिंह नें आज पर्यावरण को समर्पित पूर्व दस्युओं के महाकुम्भ को अपना समर्थन दिया है।
यह महाकुंभ जयपुर में प्रस्तावित ”पहले बसाया बीहड़- अब बचाएंगे बीहड़” कार्यक्रम को पूर्व दस्यु रहे दद्दा मलखान सिंह नें अपना समर्थन देते हुए ख़ुशी जाहिर की है।
कल्पतरू संस्थान अध्यक्ष विष्णु लाम्बा नें रविवार को भिंड जिले में मलखान सिंह के गांव बिलाव जाकर मुलाक़ात करते हुए अभियान की जानकारी दी। उन्होंने जंगलों पर मंडराते खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा की समर्पण के बाद आज तक बागियों को सामाजिक कार्यों से जोड़ने की कोशिश की नही हुई है।
मंदिर की जमीन मंदिर के नाम लगवाने की मांग को लेकर बागी बने मलखान सिंह ने पूरे वन महकमें को भ्रष्ट करार दिया। उन्होंने कहा की हमने बागी रहते भी आदर्श गांव बनाये और आज भी सरकार सहयोग करे तो आदर्श ग्राम बनाने की इच्छा रखते हैं।
उन्होंने कहा बागी रहते जो कुछ हुआ उसका पछतावा नहीं है है क्योंकि हमने जो किया अन्याय के खिलाफ किया। उन्होंने गौ हत्या पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा की हमारे समय में गाय काटने वाले को हम छोड़ते नहीं थे लेकिन आज देश के हर कोने में मां कही जाने वाली गाय का खून जमीं पर गिर रहा है। उन्होंने कहा गाय को भी राष्ट्रीय प्राणी घोषित किया जाना चाहिए।
पंद्रह साल बीहड़ में रहा लेकिन कोई तख़लीफ़ नहीं हुई लेकिन जेल में रहते खाने या किसी अन्य बात पर गलत हुआ तो जेलर से लड़ना पड़ता था।
मलखान सिंह के जीवन पर डाइरेक्टर आरके चोकसे फिल्म ”दददा मलखान सिंह” बना रहे है जिसमे डिम्पल कपाड़िया और मुकेश तिवारी सहित कही नामी स्टार काम कर रहे हैं।