जयपुर/बीकानेर। जयपुर मेट्रो और बाड़मेर तेल रिफाइनरी को लेकर भाजपा- कांग्रेस में बयानबाजी सिलसिला नहीं थमा है। विधानसभा में मुख्यमंत्री की ओर से मेट्रो को लेकर की गई टिप्पणी के बाद बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है।
बीकानेर जिले के दौरे के दौरान गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद यह घोषणा की गई कि हम 20 लाख आबादी वाले शहरो में मैट्रो बिछाएंगे। फिर इसे घटकार 10 लाख आबादी तय की गई। जयपुर में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 31 लाख की आबादी है, अब तो और बढ़ गई है।
कहां 10 लाख और कहां 31 लाख, फिर भी यह कहा जा रहा है कि जयपुर मैट्रो की कोई जरूरत नहीं है। यह जुमले बोले जा रहे हैं कि एक मैट्रो की जगह कई ब्रिज बन जाते, कई सड़के बन जाती, यह सब बाते जनता को गुमराह करने वाली है, अब जनता गुमराह नहीं होगी।
मैट्रो के बावजूद दिल्ली में जाम लग रहा है, जयपुर में आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है, क्यों कि कारों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, ऐसे में यह कहा जाना कि जयपुर में मैट्रो की जरूरत नहीं थी केवल राजनीति है।
बाड़मेर रिफाइनरी को लेकर सरकार की ओर से की जा रही लेट लतीफी पर गहलोत ने कहा कि यह सरकार जनता को गुमराह कर ही है। अब तक तो रिफायनरी चालू हो जानी चाहिए थी।
पूरे भारत मे कहीं भी तेल निकलता है तो यह राष्ट्र की सम्पति मानी जाती है और भारत सरकार ही तय करती है कि कितने कुए खुदने हैं, कौन कुए खोदेगा, राज्यों को कोई अधिकार नहीं होता, राज्यों को केवल रॉयल्टी मिलती है। अभी राजस्थान को 5 हजार करोड़ रूपए रॉयल्टी मिल रही है।
यदि रिफायनरी लग जाती तो वैट जो अभी गुजरात सरकार को मिल रहा है, राज्य को मिलता, राजस्थान को मिलता, रॉयल्टी मिलेगी और अतिरिक्त जमीन मिलेगी। इस रिफाइनरी लगने से लोगों को रोजगार मिलेगी, प्लास्टिक, वैक्स समेत इतनी अनेक औद्योगिक इकाइयां लगेगी जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती।