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former cm Ashok Gehlot slams Vasundhara raje government
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ये सरकार किसके भरोसे चल रही है, राम जाने : अशोक गहलोत

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ये सरकार किसके भरोसे चल रही है, राम जाने : अशोक गहलोत
former cm Ashok Gehlot slams Vasundhara raje government
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जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र की एनडीए सरकार और राज्य सरकार पर षड़्यंत्रपूर्वक सोनिया गांधी और कांग्रेस को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें ये कभी कामयाब नहीं होंगे।

गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि रॉबर्ट वाड्रा के बारे में सोनिया गांधी और खुद वाड्रा कह चुके हैं कि कानून अपना काम करे लेकिन इसके बावजूद यह सरकार जानबूझकर बार-बार प्रचार पाने के लिए आमजन को गुमराह कर रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में तीन साल, आठ साल और दस साल की मासूमों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। जबसे यह सरकार बनी है, ऐसी घटनाओं का रिकॉर्ड बन गया है। राजस्थान में आज तक कभी इतनी घटनाएं नहीं सुनी गई।

हद तो यहां तक हो चुकी है कि जयपुर में ही डकैती के साथ पति के सामने पत्नी से दुष्कर्म करने जैसी घटना भी सामने आई। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चुनाव पूर्व ऐसी एक घटना को लेकर कहा था कि मुख्यमंत्री को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।

आज महिला मुख्यमंत्री की नाक के नीचे ये सब हो रहा है, अब मैं उनके लिए क्या टिप्पणी करूं। गहलोत ने कहा कि गृहमंत्री शर्मिन्दगी जाहिर करते हैं, मुख्यमंत्री परवाह करती नहीं, सरकार किसके भरोसे चलती है, राम जाने।

राज्य में कानून और व्यवस्था की हालत बेहद खराब है, पुलिस कस्टडी से अपराधी भाग रहे हैं, दुर्णर्म और डकैतियां हो रही हैं। हालात नाजुक बन चुके हैं और प्रदेशवासियों में भयंकर गुस्सा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री किसी से मिलती नहीं, हालात का उन्हें पता नहीं, ढाई साल में पहली बार पीड़ित बच्ची से मिलने अस्पताल गई। आज तक किसी को सम्भाला नहीं।

जनहित में इन्हीं की पार्टी के पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा शराबबंदी को लेकर अनशन पर बैठे। मुख्यमंत्री उनसे जाकर कभी नहीं मिली। आखिर में उन्होंने अपनी जान गंवा दी। ये सरकार इतनी निष्ठुर है,संवेदनहीन है, जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता।

पूर्व प्रधानमंत्री को लेकर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की अभद्र टिप्पणी के सवाल पर गहलोत ने कहा कि गृहमंत्री पहले भी कई बार इस तरह की बातें कर चुके हैं। उनको एक मिनट भी मंत्री रहने का अधिकार नहीं है। टिप्पणी करने वाले दिन मैंने तब भी कहा था कि मुख्यमंत्री को ऐसे गृहमंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए।

एक अन्य सवाल पर गहलोत ने कहा कि आशा सहयोगिनी हो, चाहे पटवारी हों,चाहे शिक्षाकर्मी हों, चाहे छात्र हों,चाहे बेरोजगार हों, इन सब पर भाजपा कार्यालय के बाहर किये गये लाठीचार्ज का भी एक रिकॉर्ड बन गया है। समय आने पर ये लोग इस सरकार को बख्शेंगे नहीं।

उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया है, महिलाओं को भी, बच्चियों को भी, ये बेशर्म सरकार है। इनके मंत्री जन सुनवाई के नाम पर पार्टी कार्यालय में बैठकर खानापूर्ति कर रहे हैं। वहां आम आदमी को जाने की इजाजत नहीं है।

एक पुलिस अधिकारी द्वारा की जा रही खुली बयानबाजी को लेकर किये गये सवाल पर गहलोत ने कहा कि हमारे समय में इसी अधिकारी को हमने ट्रांसफर किया था तब इन्हीं नेताओं ने अधिकारी को तंग करने का हम पर आरोप लगाया था। अब वो अपराधबोध से ग्रसित हैं इसीलिए चुप्पी साधे बैठे हैं।

पुलिस अधिकारियों में लगातार ऐसी टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसको अविलम्ब रोका जाना चाहिए। गहलोत ने 100 प्रतिशत एफडीआई मंजूर करने के सवाल पर कहा कि यूपीए सरकार जो फैसले इस संबंध में करना चाहती थी वो फैसले अब संघ और स्वदेशी जागरण मंच को साथ लेकर भाजपा कर रही है।

ये सवाल तो अब भाजपा से ही पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की जनता तो अब एनडीए सरकार से पूछेगी कि ना खाउंगा और ना खाने दूंगा, 100 दिन में कालाधन लाउंगा और अच्छे दिन आयेंगे जैसे जुमलों को लेकर आज गांव.गांव में एनडीए सरकार के प्रति भयंकर आक्रोश है।