नई दिल्ली। कांग्रेस नेता कमलनाथ के पंजाब प्रभारी पद से इस्तीफे के बाद दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को आलाकमान की ओर से बड़ी जिम्मेदारी के तहत से पंजाब प्रभारी पद सौंपा जा सकता है। इस सिलसिले में गुरुवार सुबह शीला दीक्षित ने दस जनपथ जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर मुलाकात की है।
सूत्रों की मानें तो शीला को उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद अब उन्हें पंजाब का प्रभार भी सौंपा जा सकता है। फिलहाल शीला दीक्षित इस बारे में स्वयं कुछ नहीं कहना चाहती और उन्हें आलाकमान के फैसले का इंतजार है।
इससे पहले कमलनाथ ने बुधवार को सोनिया गांधी को दो पन्नों का पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे सोनिया ने मंजूर कर लिया था। कमलनाथ ने लिखा था कि उनके पद पर बने रहने पर विपक्ष सवाल उठा रहा है, ऐसे में असल मुद्दों से ध्यान भटक जाएगा। ऐसा न हो, इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं।
वहीं इस मसले पर विपक्ष का आरोप है कि 84 के दंगों में कमलनाथ आरोपी हैं, ऐसे में उन्हें पंजाब की जिम्मेदारी सौंपना, सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है। साथ ही कांग्रेस में भी कमलनाथ को पंजाब का प्रभारी बनाए जाने को लेकर एक राय नहीं थी।
इसके साथ ही कमलनाथ के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रभारी दिलीप पांडेय ने गुरुवार को कहा कि पार्टी के दबाब की वजह से कमलनाथ को पंजाब प्रभारी पद से इस्तीफा देना पड़ा।
इससे यह साबित होता है कि कांग्रेस ने पंजाब में अपनी हार स्वीकार कर ली है। वहीं आप नेता और 84 के दंगों के वकील एच एस फुल्का ने इस मामले में केंद्र की ओर से बनाई गई एसआईटी पर सवाल उठाएं हैं।