भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री और युवक की यौन प्रताड़ना के आरोपी राघवजी ने नारायणदत्त तिवारी के भाजपा में समर्थन देने के औचित्य पर सवाल खड़े किए हैं।
राघव का कहना है कि उन पर (राघव जी पर) तो अभी मामला सिद्ध ही नही हुआ और पार्टी ने उन्हे बाहर का रास्ता दिखा दिया जिसका तरीका अवैधानिक था। ऐसे में सार्वजनिक रुप से चारित्रिक रुप से दुनिया के सामने आ चुके तिवारी को अपनाकर पार्टी क्या कहना चाहती है, समझ से परे है।
अपने नौकर के यौन शोषण के मुकदमे में घिरे मध्यप्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी को मामला सामने के बाद भाजपा ने फ़ोन पर ही उन्हें हटा दिया था। उस समय वो विधायक थे, जबकि विधायक को हटाने का अधिकार केवल केंद्रीय नेतृत्व को हैं।
वहीं नारायणदत्त तिवारी एक सीडी कांड, डीएनए टेस्ट और 90 में शादी के चलते भी सुर्खियों में रह चुके हैं। इन मामलों के उजागर होने के बाद भी भाजपा का तिवारी का समर्थन स्वीकार करना सवाल खड़े करता हैं।
गौरतलब हैं की बुधवार को उत्तराखंड और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी ने कांग्रेस का दामन छोडक़र बीजेपी का हाथ थाम लिया है। वहीं तिवारी भाजपा को समर्थन देने की बात कर रहे हैं।
हालांकि बुधवार यह अफवाह चली कि नारायण दत्त तिवारी ने 91 साल की उम्र में कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया। लेकिन शाम होते-होते साफ हो गया कि तिवारी ने नहीं बल्कि उनके बेटे रोहित शेखर ने बीजेपी की सदस्यता ली थी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सिर्फ रोहित शेखर ने बीजेपी की सदस्यता ली है एनडी तिवारी ने नही। एनडी तिवारी सिर्फ बीजेपी को समर्थन देंगे। अमित शाह के घर तिवारी और उनकी पत्नी केवल मुलाकात करने गए थे।