जयपुर। राजधानी जयपुर की हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत पर आरोप प्रत्यारोप का दौर समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
रविवार को पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल एक बार फिर भाजपा पर हमला बोलते हुए सरकार से पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
उन्होंने मांग की है कि स्वायत्त शासन मंत्री व मेयर गायों की मौत की जिम्मेदारी अपने उपर लेते हुए इस्तीफा दे नहीं तो सरकार इन्हें बर्खास्त करें।
खंडेलवाल ने प्रेस कांफ्रेस बुलाकर नगर निगम में कांग्रेस और भाजपा शासन के दौरान गायों की मौतों के आंकड़े जारी किए।
उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन महापौर अशोक परनामी और वर्तमान महापौर निर्मल नाहटा के कार्यकाल में 1 लाख में से 75 हजार से अधिक गायों की मौत हुई है।
गौरक्षा का दम भरने वाले भाजपाई गौ-हत्यारे निकले। इतना ही नहीं परनामी के समय हिंगोनिया में आरएसएस का पदाधिकारी डॉ. कैलाश सन्तोष राव मौढे व आयुक्त सावरमल मीणा ने किया था सबसे बड़े चारे घोटाले को अंजाम दिया।
भाजपा पर सवाल दागते हुए पूर्व महापौर ने कहा कि मेरे कार्यकाल में हिंगोनिया गौषाला में गौमाता की मृत्यु के कारणों की जांच वे सीबीआई से करवाने के लिए तैयार है, क्या भाजपा भी ऐसा करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केन्द्र सरकार को पत्र लिख कर पिछले 10 सालों में 1 लाख से अधिक गायों के मौत की जांच करवाने की अनुशंसा करेर। पूरे देश में गायों की मौत की भत्सर्ना हो रही है, लोकसभा व राज्य सभा में भी यह मामला उठ चुका है।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि गौमाता के नाम पर वोट लेकर भाजपा केन्द्र, राज्य व निगमों में काबिज है लेकिन गौमाता की रक्षा करना तो दूर उनकी हत्यारी बनती नजर आ रही है।
भाजपा के नेता बयान पर बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं। भाजपा के नेता अनर्गल बयानबाजी करते हुए दोषियों पर कार्यवाही करने की बजाय कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा हिंगोनिया गौशाला में कांग्रेस के राज में गौमाता की ज्यादा मौते हुई जैसी झूठी दलीले देकर जनता को गुमराह कर रहे है।
खण्डेलवाल ने कहा कि गौमाता की रक्षा के नाम पर वोट मांगने वालो के राज में गायो की रक्षा की जगह हत्याये हुई है, सबसे ज्यादा गाये यदि आंकडों की बात करे तो 2004 से 2016 के बीच करीब 1 लाख गौवंश की हिंगोनिया गौशाला में मौंते हुई है जिसमें 2004 से मार्च 2010 तक करीब 60 हजार गायें भाजपा के जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में काल का ग्रास बनी जबकि राज्य सरकार, मेयर व हिंगोनिया में चेयरमैन भाजपा का था।
मैंने 26 नवम्बर 2009 को जयपुर की मेयर का कार्यभार ग्रहण किया तब तक करीब 60 हजार गायें 2004 के बाद मौत के मुंह में समा चुकी थी। मेरे कार्यकाल में मैने अपने कार्यकाल की दूसरी ही बोर्ड बैठक में हिंगोनिया गौशाला की स्थिति को नाजुक देखते हुए इसे किसी एनजीओ या गौरक्षक ट्रस्ट या संस्था को देने के लिए चर्चा का एजेण्डा रखा था एवं लगातार आगे भी बोर्ड मीटिंग में इसे रखा गया लेकिन गौमाता की रक्षा के नाम पर हल्ला करने वाले भाजपा के बोर्ड ने मीटिंग में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा ही नहीं होने दी।
उन्होंने दावा कि मेरे तीन साल में उनकी तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक का सुधार होते हुए 16975 गौवंश की मृत्यु हुई लेकिन वर्तमान मेयर निर्मल नाहटा ने तो हद ही कर दी इनके अल्पकाल में ही करीब डेढ साल में दुबारा गौशाला अत्यधिक दयनीय स्थिति में पहुंच गई।
निर्मल नाहटा के डेढ साल के कार्यकाल में ही 21037 गौवंश हिंगोनिया गौशाला में काल का ग्रास बनी। खंडेलवाल ने कहा कि मैंने जिन अधिकारियों की शिकायत की वे जेल गए। चाहे वो आईएएस अधिकारी हो, आईपीएस अधिकारी हो, आरएएस अधिकारी हो या निगम के अभियन्ता हो मेरे समय सबसे ज्यादा कार्यवाही भ्रष्ट अधिकारियों पर हुई।