हजारीबाग। नासा के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. अशोक कुमार सिन्हा नहीं रहे। शनिवार को उन्होंने अमेरिका में अंतिम सांस ली। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार 16 अगस्त 1942 को हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के कदमा गांव में जन्मे डॉ अशोक कुमार सिन्हा की प्रारम्भिक शिक्षा हजारीबाग में ही हुई थी।
पहली से तीसरी तक की पढाई धर्मशाला विद्यालय बड़ा अखाडा हजारीबाग में, मिडिल भरना स्कूल नवाबगंज से चौथी से छठवीं तक, हिन्दू हाई स्कूल हजारीबाग में आठवीं से दसवीं तक एवं संत जेवियर कॉलेज रांची से आईएससी की पढाई पूरी की। पटना साइंस कॉलेज से बीएससी और एमएससी (फिजिक्स) पटना यूनिवर्सिटी से किया।
उसके बाद वे पीएचडी करने यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेरीलैंड वाशिंगटन गए। इसके बाद उनका चयन नासा के इंटेल सैट विभाग में हुआ। वहां उन्होंने दो दशकों से अधिक वर्षों तक सेटेलाइट लॉन्चिंग, रॉकेटरी साइंस, उपग्रह संचार, अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान दिया और सेवा प्रदान किया। इन्होंने सामाजिक कार्य में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
उन्होंने अपने खर्च से हजारीबाग रामनगर में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के ऊपरी तल्ले में 6 कमरों का निर्माण कराया। अशोक सिन्हा पिछले नौ मार्च 2016 को हजारीबाग रामनगर विद्या मंदिर में विद्यालय समिति के अध्यक्ष अपने भाई प्रमोद कुमार सिन्हा के साथ आए थे।
हजारीबाग कदमा में उनके पैतृक आवास में अभी दो छोटे भाई प्रमोद सिन्हा और संतोष सिन्हा परिवार के साथ रहते हैं। उनका अंतिम संस्कार कैलिफ़ोर्निया में किया जायेगा।