जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की जनता को राजस्थान दिवस पर बधाई देते हुए इस बात पर अफसोस जाहिर किया है कि प्रदेश सरकार ने इसे राज्य की सात करोड़ जनता की बजाय केवल राजधानी का समारोह बना दिया है।
गहलोत ने एक बयान में कहा है कि आजादी के बाद से अब तक राजस्थान ने खूब तरक्की की है। जहां कुछ नहीं था वहां आज सब कुछ है, लेकिन दुख इस बात का है कि राज्य की मौजूदा सरकार नया कुछ जोडऩा तो दूर जो अब तक जो हासिल किया है उसे भी सहेज कर नहीं रख पा रही है। रिफाईनरी और मेट्रो इसके उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि हमने भाजपा सरकार के एक काम को बंद नहीं किया था, चाहे वह शेखावत सरकार का हो या वसुंधरा सरकार का हो और उन्होंने हमारा एक काम चालू नहीं रखा। और तो और हमने देश और दुनिया में राजस्थान का नाम रोशन करने वालों के लिए जो राजस्थान रत्न अवार्ड शुरू किया वह भी इस सरकार ने बंद कर दिया। लगता है जैसे इन्होंने हमारे हर काम को बंद करने का संकल्प ले रखा है।
गहलोत ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि राजस्थान दिवस के मौके पर सरकार जनता को उपलब्धियां बताती। संकल्प यात्रा से लेकर अन्य मौकों पर की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन के बारे में बताती। इसी तरह इस मौके पर किए जा रहे समारोहों को भी राजधानी से आगे गांवों तक ले जाती जिससे वहां के स्थानीय कलाकार और जनता भी इससे जुड़ती, उन्हें भी प्रोत्साहन मिलता।
उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि जयपुर में भी यह आम जनता की बजाय भाजपा और प्रशासन का समारोह बनकर रह गया है।