जयपुर। दुष्कर्म के आरोप में पिछले करीब सवा तीन साल से जेल में बंद पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर को सोमवार को जयपुर जिले की एक अदालत ने बरी कर दिया।
कोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद 17 जनवरी को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। एडीजे कोर्ट-2 जयपुर जिला ने सोमवार को मामले में संदेह का लाभ देते हुए बाबू लाल नागर को बरी करने के आदेश सुनाए।
कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर पिछले सवा तीन साल से जेल में बंद थे। उन पर नौकरी का झांसा देकर महिला के साथ रेप करने का आरोप था।
पीड़िता ने बाबूलाल नागर पर 11 सितम्बर 2013 को सिविल लाइंस स्थित सरकारी बंगले में बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए कोर्ट इस्तगासे से मामला दर्ज करवाया था। पूरे मामले में महिला की रिपोर्ट पर सीबीआई ने बाबूलाल नागर को 25 अक्टूबर 2013 में गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ही वे जेल में बंद थे।
मामले में सीबीआई ने अनुसंधान के बाद बाबूलाल नागर को गिरफ्तार करके कोर्ट में दुष्कर्म की धाराओं में चालान पेश किया था। उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार ने बाबूलाल नागर पर बलात्कार का आरोप लगने के बाद विधायक होने के नाते इसकी जांच सीआईडीसीबी से कराने का फैसला किया। लेकिन बाद में राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को रैफर कर दिया।
नौ अक्टूबर को सीबीआई ने केस दर्ज किया। करीब 15 दिन की लम्बी पूछताछ के बाद सीबीआई ने बाबूलाल नागर को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान नागर को अपने मंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा। चालान पेश होने का बाद पूरे मामले में लम्बी सुनवाई चली।
करीब 3 साल से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद एडीजे-2 जयपुर जिला ने 17 जनवरी 2017 को सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित रख लिया। सोमवार को कोर्ट ने पीड़िता के आरोपों को सही नहीं मानते हुए संदेह का लाभ देते हुए बाबूलाल नागर को बरी कर दिया।