उदयपुर। बहुचर्चित सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले में मुंबई की स्पेशल सीबीआई अदालत ने राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को गुरुवार को क्लिनचिट दे दी गई। उधर, न्यायालय के इस आदेश से शहर भाजपा में खुशी की लहर छा गई।
प्रकरण के अनुसार नवम्बर 2005 में गुजरात व राजस्थान की पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए कुख्यात अपराधी सोहराबुद्दीन शेख को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। इस मामले में उदयपुर के तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक दिनेश एम.एन. सहित सात पुलिस अधिकारी व जवानों को दोषी मानते हुए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने 7 मई 2013 को गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ सम्मन जारी किया गया था। इस सम्मन पर गुलाबचंद कटारिया अहमदाबाद में सीबीआई के समक्ष पेश हुए थे और उन्होंने अपने आपको इस मामले में पूरी तरह निर्दोष बताते हुए उनके सामने सारे तथ्य और साक्ष्य भी प्रस्तुत किए।
कटारिया के अधिवक्ता रोशनलाल जैन ने बताया कि 6 जुलाई 2013 को कटारिया की ओर से सीबीआई की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत का प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसे स्वीकार कर लिया। उसके बाद से मामले की सुनवाई नियमित रूप से इस न्यायालय में चल रही थी।
जैन ने बताया कि कटारिया की ओर से अदालत में एक प्रार्थना पत्र पेश किया जिसमें बताया कि सोहराबुद्दीन व इससे जुड़े सभी मामलों में उनका किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं था। मुझे इस मामले से पृथक किया जाए, जबकि सीबीआई द्वारा कटारिया के खिलाफ अदालत में तथ्य व साक्ष्य प्रस्तुत किए उसमें बताया कि उदयपुर के प्रसिद्ध मार्बल उद्यमी विमल पाटनी को 24 करोड़ रूपए बतौर हफ्ते की सोहराबुद्दीन द्वारा मांग की गई थी, इसलिए राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने विमल पाटनी की मुलाकात अमित शाह से करवाई थी।
इसी के चलते सोहराबुद्दीन को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया। लेकिन इस फर्जी मुठभेड़ में सीबीआई ऐसे कोई साक्ष्य पेश नहीं किए जिसमें कटारिया का सीधा इस मुठभेड़ से संबंध हो। अभियोजन पक्ष कटारिया पर इस फर्जी मुठभेड़ मामले में लिप्त होना किसी तरह से सिद्ध करने में पूरी तरह असफल रहा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट के न्यायाधिपति एस.वी. गोसावी ने गुरुवार को राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को सोहराबुद्दीन एनकाऊंटर मामले से डिस्चार्ज (उन्मोचित) कर दिया।
स्मरण रहे इस मामले में पूर्व में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक पीसी पांडे को भी क्लिन चिट मिल चुकी है। इस मामले में लिप्त आईपीएस व पुलिस अधिकारियों को जमानत पर रिहा कर रखा है। गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा, आईपीएस अधिकारियों राजकुमार पांडियान तथा उदयपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक दिनेश एमएन व अन्य पुलिस अधिकारी व जवानों को इस मामले में आरोपी बनाया गया। अभी इस मामले से जुड़े सभी आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं।