झुंझुनू। मोर्निंग वॉक पर घूमने के लिए निकले पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने न्यायालय के आदेश गत कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे राजेंद्रसिंह गुढ़ा को जेल भेज दिया है।
गुढ़ा पर राज कार्य में बाधा का मुकदमा थाने के ही एसआई रामपाल ने दर्ज कराया था। गत 14 जुलाई 2016 को गुढ़ा के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालना, रास्ता जाम करना तथा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज था।
पुलिस के मुताबिक गत 14 जुलाई को बागोरा के पास रोडवेज की टक्कर से बाइक सवार की मौत हो गई थी। जिसके बाद पूर्व मंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ उन्होंने जाम लगा दिया।
मौके पर मौजूद उदयपुरवाटी पुलिस के एसआई रामपाल के साथ भी उन्होंने ना केवल धक्का मुक्की की। बल्कि सरकारी जीप को नुकसान पहुंचाया, पुलिस की गाड़ी पर चढक़र भाषण दिया था। साथ ही पुलिस को भी अपशब्द कहे थे।
उनके परिजनों के नाम से फार्म हाउस पर सोमवार को पुलिस ने गुड़ा गांव में दबिश दी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बाद गुढ़ा के कुछ समर्थकों ने थाने के बाहर प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को थाने के बाहर से हटा दिया।
जेल भेजने के आदेश प्राप्त होते ही आरोपी पूर्व मंत्री गुढ़ा ने पुलिस की गाड़ी में बैठने के दौरान इंकलाब के नारे लगाए। समर्थकों भी जब गुढ़ा को जेल ले जा रही थी तो गाड़ी के आगे होकर गुढ़ा के समर्थन में और इंकलाब के नारे लगाए।
पुलिस ने पूर्वमंत्री राजेंद्र सिंह गुढा पर कानूनी शिकंजा कसते हुए उनसे जुड़ी हुई एचएस लिस्ट भी जारी की है। पुलिस ने नेट से गुढ़ा पर दर्ज मुकदमों की नेट से निकालकर लिस्ट जारी की है।
थानाधिकारी माधोराम ने बताया कि 198 8 से 2004 तक गुढ़ा के खिलाफ 21 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनके खिलाफ कई संगीन मामले अब भी न्यायालय में है विचारधीन है।
गुढागौडज़ी थाने में 13, गांधीनगर जयपुर में तीन, उदयपुरवाटी थाने भी तीन, मानसरोवर में एक, विश्वकर्मा थाना जयपुर में एक, कोतवाली झुंझुनूं में एक मुकदमा दर्ज है। गत 14 जुलाई को गुढ़ा के खिलाफ बागोरा में दुर्घटना के बाद राजकीय कार्य और रास्ता जाम आदि का मुकदमा दर्ज हुआ था।
पुलिस द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार 1999 में तीन मामलों में गुढ़ा को परिवीक्षा का लाभ, 1999 में ही दो और 1993 में भी एक मामले में बरी हो चुके है। शेष प्रकरण अब भी संबंधित न्यायालय में विचाराधीन है।
गत 14 जुलाई को बागोरा गांव के रोडवेज बस की टक्कर से बाइक सवार की मौत हो गई थी। जिसके बाद ग्रामीणों ने बस को रोककर प्रदर्शन किया। प्रशासन के अमले पर भी मौके पर देरी से पहुंचने का आरोप लगाया।
समर्थकों की ओर से ग्रामीणों की बीच पूर्व राजेंद्रसिंह गुढ़ा भी पहुंच गए। उन्होंने भी पुलिस को खरी खोटी सुनाई और पुलिस की गाड़ी पर चढकर भाषण दिया। थाने के एसआई रामपाल ने गुढ़ा समेत दर्जनों लोगों के खिलाफ राजकीय कार्य में बाधा, सरकारी संपत्ति का नुकसान करने आदि का मुकदमा दर्ज कराया।
मुकदमे में तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसके बाद राजेंद्रसिंह गुढ़ा ने खुलेआम पुलिस को गिरफ्तार करने की चेतावनी दी। साथ ही विधायक और सांसद पर जाति वाद करने का आरोप लगाया।
पुलिस को अपशब्दों से संबोधित करते हुए कई वीडियो भी सोशियल मीडिया पर वायरल हुए थे। गुढ़ा समर्थक जहां इस गिरफ्तारी को राजनीतिक बता रही हैं। वहीं पुलिस कानूनी कार्रवाई का हवाला दे रही है।
पुलिस ने राजेंद्रसिंह गुढ़ा को सुबह सवेरे ही उनके गांव में परिजनों के नाम से बने फार्म हाउस से पकड़ा। वे इस दौरान घूमने के लिए घर से निकले ही थे। उदयपुरवाटी थाने और पचलंगी चौकी का जाब्ता के साथ स्वयं थानाधिकारी माधोराम रोज ने पकड़ा।
उदयपुरवाटी थाने में लाकर सुबह साढे सात बजे उनकी गिरफ्तार दिखाई। एक बजे न्यायालय में पेश करने के बाद गुढा को जेल भेजने के आदेश माननीय न्यायालय की ओर से जारी हुए।
न्यायालय में राजेंद्रसिंह गुढ़ा की ओर से जमानत याचिका नहीं लगाई गई। ऐसे में उन्हें जेल भेजने के आदेश प्राप्त होते ही पुलिस जाब्ता के साथ जेल भेज दिया गया।
संजयसिंह गुढ़ा, शीशराम ककराना, हनुमान गुर्जर कोट, विनोद फौजी गुढ़ा ने बताया कि पुलिस राजनैतिक दबाव में गलत तरीके से दमनकारी नीति अपनाकर कार्रवाई कर रही है। इसी चलते माननीय न्यायालय का ध्यान आकर्षित करने के लिए जमानत याचिका नहीं लगाई गई है। अगली तारीख पर गुढ़ा समर्थक सडक़ों पर उतरकर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने बताया कि विधायक और सांसद के दबाव में आकर पुलिस जातिवाद को बढ़ावा दे रही है। जेल जाने के बाद पूर्व मंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा पर सोशियल मीडिया पर लोग काला धब्बा लगने जैसे भी कमेंट करते नजर आए।
वहीं उनके समर्थक इसे राजनीतिक फायदा होने से जोडक़र देख रहे है। इस संबंध में विधायक शुभकरण चौधरी ने बताया कि मामले को लेकर उनका कोई लेना देना नहीं है। गुढ़ा के खिलाफ इससे पहले कई थानों में 21 के करीब मुकदमे दर्ज हुए हैं।