नई दिल्ली। असम, हरियाणा और पंजाब के बाद अब मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस में आपसी टकराव के स्वर उठ रहे हैं।
पार्टी की कार्यशैली से नाराजगी जताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस साल के अंत तक केंद्रीय नेतृत्व सुधारात्मक कदम नहीं उठाता है तो वह और उनके जैसी सोच रखने वाले अन्य नेता पार्टी छोड़ कर, भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक नया संगठन बना लेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व द्वारा समस्याओं को अनसुना करने से कांग्रेसजन खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि 31 दिसंबर तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो प्रदेश में भाजपा से मुकाबला करने के लिए हम कांग्रेस के समानान्तर एक नए दल का गठन करेंगे।
जानकारी हो कि इससे पहले वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री नरहरि अमीन, माणक अग्रवाल और आरिफ अकील सहित कई नेताओं ने पार्टी के कार्यशैली से नाराजगी जताते हुए पार्टी छोड़ने की बात कही है।
हॉकी के पूर्व ओलिंपिक खिलाड़ी रह चुके खान ने कहा कि समय आ गया है कि अब कांग्रेसजनों को मध्यप्रदेश की जनता को प्रभावी और बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि 31 दिसंबर तक कांग्रेस नेतृत्व ने कोई सुधार नहीं किए तो हम प्रदेश में समानांतर कांग्रेस दल का गठन करेंगे और इसमें उच्च स्तर के नेताओं द्वारा विचार विमर्श के बाद चुनाव के काफी पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा।
इसके साथ ही, खान ने कहा कि यह बहुत जरुरी है कि चुनाव के पहले किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए ताकि जनता के सामने विपक्षी दल की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ सके। अन्यथा जैसा कि कांग्रेस में होता है चुनाव में किसी चेहरे के अभाव में बड़े नेता आपस में लड़ाई शुरु कर देते हैं और अंतत: इससे पार्टी को खामियाजा उठाना पड़ता है।