गोरखपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री जितेन्द्र जायसवाल को एक हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला लम्बे समय से चले आ रहे एक हत्या के मामले से जुड़ा है। इन पर 30 हजार रुपए का जुर्मना भी लगाया गया है। जुर्माना न देने पर इन्हे 6 माह की अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी।
गुरूवार को सभी साक्ष्यों के अवलोकन व दोनों पक्षों की बहस को सुनने के बाद अदालत ने हत्या के मामले में उन्हें दोषी पाया। कोर्ट ने उन्हें इस मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई।
घटना पिपराइच के जंगलधूसड़ के प्रधान खदेड़ू की हत्या से जुड़ी है। 1994 में मृतक के पिता भग्दन ने जीतेंद्र जयसवाल उर्फ पप्पू भईया को इस हत्या का मुख्य अभियुक्त बनाया था। सिराज उर्फ मेराज को वादी ने सह अभियुक्त बनाया और मुकदमा दायर किया।
बताते चलें कि जितेन्द्र जायसवाल यूपी की राजनीति में बड़ा नाम रहा है। निर्दलीय विधायक जीतने के बावजूद वह यूपी में 90 के दशक में मंत्री बने। वह पिपराइच से तीन बार विधायक बने।
एक समय वह भी था कि जब जितेन्द्र जायसवाल यूपी में शराब के सबसे बड़े व्यवसाईयों में गिने जाते थे। शराब के व्यवसाय से ही उन्हें ज्यादा पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा।
आरोप यह भी लगाया जाता है कि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया था। हालांकि अपने विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने बिजली की व्यवस्था जैसे कई विकास कार्य भी खुद के खर्चे पर करवाए हैं।