गुरुग्राम। सात साल की बच्ची आद्या सिंह की डेंगू की वजह से मौत के मामले में गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित दो प्राथमिकी दर्ज की गई है।
हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि अस्पताल मामले में तीन अभियोगों पर दीवानी मुकदमे का भी सामना करेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पहले ही फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के खिलाफ आपराधिक व दीवानी मुकदमे का आदेश दे दिया है।
अस्पताल अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की गैर इरादतन हत्या की धारा 304 (2) के तहत सुशांत लोक पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
मामले में दूसरी प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की धारा 188 व महामारी अधिनियम के तहत है। यह अधिनियम सरकारी अधिकारी द्वारा की गई घोषणा का पालन नहीं करने से जुड़ा है। इस मामले में निजी अस्पताल डेंगू से पीड़ित मरीज की सूचना अफसरों को देने में असफल रहा है।
चार सदस्यों की एक समिति ने बच्ची की मौत की जांच की व उसके माता-पिता द्वारा करीब 16 लाख रुपये के बिलों के भुगतान की जांच के बाद पाया कि अस्पताल के कामकाज में कई तरह की अनियमितताएं हैं।
इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। समिति की अगुवाई अतिरिक्त स्वास्थ्य महानिदेशक राजी वधेरा ने की।
मामले में अस्पताल के ब्लड बैंक व फार्मेसी को कथित तौर पर गड़बड़ियों के लिए नोटिस जारी की गई है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर तबके के कम मरीजों के इलाज को लेकर भी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
आद्या के पिता जयंत सिंह के दोस्त द्वारा मामले को 17 नवंबर को ट्विटर पर पोस्ट करने के बाद यह प्रकाश में आया था, जिसमें परिवार द्वारा 16 लाख रुपए बिल देने की बात थी लेकिन आद्या को नहीं बचाया जा सका था।