लखनऊ। राजधानी में एक तालाब की भूमि को कब्जा करने के नियत से खुदाई करा रहे भू-माफिया को तब झटका लगा जब उसके नीचे तहखाना होने के प्रमाण मिला। पुरातत्व विभाग तालाब के नीचे से मूल्यवान वस्तुएं निकलने की आशंका जता रही है।
उल्लेखनीय है कि जानकीपुरम सेक्टर बी स्टेट बैंक कॉलोनी,लखनऊ स्थित पक्के लखौरी ईंटों का प्राचीन तालाब था जिसे शहर के कूड़ा करकट से भरकर लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा गोमती नगर के डॉ. प्रवीण कुमार को आबंटित किया गया। जिसकी खुदाई विगत 5-6 दिनों से रात में करीब 11-12 बजे होता रहा। उक्त प्रापर्टी डीलर अपने साथियों तथा पुलिस बल के साथ उक्त विवादित तालाब पर कब्जा करने के उद्देश्य से खुदाई करा रहे थे।
सलग्न चित्र व वीडियो से स्पष्ट है कि काफी नीचे कोई प्राचीन भवन था जिससे तहखाना होने का अंदेशा होता है। चित्र में दरवाजे और खिडकियों के अवशेष स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। इस भवन के ऊपर लखौरी ईंटो का सतह तथा उसके ऊपर काली मिट््टी का सतह तालाब की प्राचीनता का प्रमाण दे रहे हैं। उसके ऊपर जमा कूड़े का ढेर जिसमे पोलिथीन भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है इस बात का प्रतीक है कि इसे हाल में ही भरा गया होगा।
यह आशंका जताई जा रही है कि खुदाई के दौरान निकलने वाले मूल्यवान वस्तुओं की चोरी, खुदाई करने कराने वाले कर रहे हैं। नन्द गाँव के ग्रामीण तथा भारतीय किसान यूनियन अवध के पदाधिकारियों लवकुश, मुन्ना, सौरभ तथा छोटे रावत ने पुरातात्विक चीजों कि चोरी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट खंडपीठ के मुख्य न्यायाधीश, खनन अधिकारी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, पर्यावरण निदेशालय के निदेशक व मडीयाँव थानाध्यक्ष को पत्र लिखा है। खुदाई तथा चोरी के विरोध में प्रदर्शन भी किया गया।
लवकुश तथा उनके साथियों का कहना है कि पुरातात्विक चीजें देश के लिए अत्यंत महत्त्व की हैं अतः इसे पुरातात्विक विभाग को सौंप कर जांच करायी जाये तथा तालाब को सरक्षित कर सौन्दर्यीकरण कराया जाये।
एसीएम पंचम छोटे लाल मिश्र ने मौके पर पहुंचकर करीब एक घंटे तक स्थिति का जायजा लिया तथा उग्र ग्रामीणों को शांत कराकर खुदाई पर रोक लगवा दिया है। इसके साथ ही बांस बल्लियों के सहारे तहखाने की घेराबंदी भी करा दी। जिलाधिकारी राजशेखर ने बताया कि जाँच के आदेश दे दिए गए हैं तथा खुदाई का कार्य भी बंद कराया गया है।
उधर, ग्रामीणों और किसान यूनियन के लोगों ने तालाब पर डेरा डाल रखा है। उनका कहना है कि अगर तालाब पर दोबारा खोदाई हुआ, तो उग्र आन्दोलन होगा।