लखनऊ। सपा के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायमसिंह यादव और उनके पुत्र व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच शनिवार को सुलह भले ही हो गई हो, लेकिन रामगोपाल यादव की ओर से आयोजित रविवार की राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की बैठक में वही हुआ जिसकी व्यूहरचना 30 दिसम्बर को बैठक के आयोजन के लिए जारी किए गए पत्र से पूर्व कर ली गई थी।
लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में हुए सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव प्रस्ताव रखते गए और राष्ट्रीय प्रतिनिधि इन पर अपनी सहमति की मोहर लगाते गए।
प्रस्तावों की स्वीकृति के बाद मुख्यमंत्री के साथ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अखिलेश यादव व राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के समक्ष संक्षिप्त में अपनी बात भी रखी। इस बैठक में मुलायमसिंह यादव शामिल नहीं हुए थे।
नरेश अग्रवाल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। अपने निष्कासन पर अमरसिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह पार्टी के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं।
-रामगोपाल यादव ने रखे यह प्रस्ताव
राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव एक-एक करके प्रतिनिधि सभा के समक्ष प्रस्ताव रखते गए, जिस पर हाथ उठाकर सहमति होती गई। रामगोपाल यादव ने प्रस्ताव रखे कि….
-मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाए
-वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को पार्टी संरक्षक बना दिया जाए
– उत्तर प्रदेश में पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए
– अमर सिंह को सपा से बर्खास्त कर दिया जाए