मुंबई। छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मेन रनवे पर लुफ्थांसा के एक प्लेन में खराबी आने की वजह से फंस गया गया था। प्लेन के फंसने की वजह से चार फ्लाइट्स को कैंसल करना पडा।
आखिरकार 22 घंटे बाद प्लेन को वहां से दूर ले जाया जा सका, इसके लिए एयरपोर्ट के स्टाफ को करीब 12 घंटे लगे। उल्लेखनीय है कि म्यूनिख से 163 पैसेंजर्स को लेकर चले इस प्लेन का लैंडिंग गेयर फेल हो जाने से इसे शुक्रवार रात को करीब 10.50 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर उतरा गया था।
मिली जानकारी के अनुसार छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मेन रनवे पर लुफ्थांसा के एक प्लेन में खराबी आ जाने के कारण चार फ्लाइट्स को कैंसल करना पडा और बाकी फ्लाइट्स 40 मिनट देरी से रवाना हुईं।
बताया जाता है कि मुंबई एयरपोर्ट के मेन रनवे पर प्लेन के अटके रहने की वजह से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को रेगुलर ऑपरेशंस के लिए अपना सेकंडरी रनवे खोलना पड़ा।
म्यूनिख जाने वाली लुफ्थांसा की एक रिटर्न फ्लाइट समेत 4 उड़ानें कैंसल करनी पड़ी, इसमेें एयरइंडिया और नेवार्क जाने वाली युनाइटेड एयरलाइंस की भी एक-एक फ्लाइट शामिल है। प्लेन में खराबी आने की वजह से एयरपोर्ट पर करीब 1000 पैंसेजर्स मुंबई में फंसे रहे। इस घटना की वजह से एयरपोर्ट का मेन रनवे 15 घंटे यानी शनिवार शाम 3 बजे तक बंद रहा।
मुंबई एयरपोर्ट के सूत्रों के मुताबिक जर्मन कैरियर (लुफ्थांसा) ने शनिवार सुबह करीब 7 बजे जेट एयरवेज को मदद के लिए कॉन्टैक्ट किया। हालांकि एयरपोर्ट के ऑफिशियल्स ने इस देरी पर कोई कमेंट नहीं किया है। जेट एयरवेज के स्पोक्सपर्सन ने कन्फर्म किया है कि एयरलाइन के इंजीनियर्स ने शनिवार सुबह रेस्क्यु वर्क शुरू किया।
लुफ्थांसा ने जेट एयरवेज से सुबह एयरक्राफ्ट को मेन रनवे से शिफ्ट कराने में मदद की रिक्वेस्ट की थी। बताया जाता है कि लैंडिंग गेयर को ठीक करने के लिए जेट एयरवेज की एक टीम जब सुबह 8.30 बजे आई तो दिखाई पड़ा कि एयरबस 330 के चारों टायर बर्स्ट कर गए थे और उसका लैंडिंग गेयर भी भी फेल हो गया था।
कुछ घंटों की कोशिशों के बाद प्लेन में जैक लगाकर उसे ऊपर उठा लिया गया। इसके बाद उसके डैमेज हुए टायरों को बदल दिया गया। एयरपोर्ट के सूत्रों ने बताया कि मैन पावर और रिर्सोसेज में कमी की वजह से यह देरी हुई। हालांकि एयरपोर्ट के स्टाफ को तकरीबन 12 घंटे लगे प्लेन को ठीक करने में, तब जाकर प्लेन को वहां से हटाया जा सका।