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उप्र चुनाव: चौथे चरण के 680 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद - Sabguru News
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उप्र चुनाव: चौथे चरण के 680 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद

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उप्र चुनाव: चौथे चरण के 680 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद
fourth phase of assembly election in uttar pradesh
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान भी छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया। इस चरण में सूबे के 12 जिलों की 53 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव मैदान में उतरे 680 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। सभी सीटों के लिए 11 मार्च को मतगणना होगी।

चौथे चरण में इलाहाबाद, रायबरेली, प्रतापगढ़, कौशांबी, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और फतेहपुर जिलों की 53 सीटों पर गुरुवार सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरु हुआ जो शाम पांच बजे तक जारी रहा। हालांकि पांच बजे तक जो लोग मतदान केंद्रों पर पहुंच चुके थे, उन्होंने भी मतदान किया।

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी वेंकटेश का अनुमान है कि इस चरण में भी 60 फीसदी से अधिक मतदान की उम्मीद है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सुबह नौ बजे तक मतदान का प्रतिशत 10.23 रहा जो पूर्वाह्न 11 बजे तक 23.78, अपराह्न एक बजे तक 38.4 प्रतिशत और तीन बजे तक 50.26 प्रतिशत रहा।

मतदान के दौरान कई मतदान केंद्रों पर इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी के कारण मतदान बाधित भी रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इलाहाबाद के प्रयाग महिला विद्यापीठ में बूथ नंबर-242 की ईवीएम में खराबी आ गई। इलाहाबाद में ही राधा रमण इंटर कालेज मतदान केंद्र और ऋषिकुल इंटर कालेज के बूथ पर भी ईवीएम काफी देर तक खराब रही।

प्रतापगढ में विश्वनाथगंज मिश्रपुर तरौल बूथ संख्या-209 पर ईवीएम खराब हो गई थी। हमीरपुर जिले में सदर विधानसभा के बूथ नम्बर 107 पर ईवीएम की खराबी के चलते मतदान काफी देर से शुरू हुआ। इसी क्रम में जालौन में बूथ संख्या 177, 490, 510 ,539 481 ईवीएम की बैटरी चार्ज नहीं होने से मतदान विलंब से प्रारम्भ हुआ।

चौथे चरण के चुनाव में कई दिग्गजों ने भी आज मतदान किया। पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने इलाहाबाद में अपना वोट डाला। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने भी इलाहाबाद के सिविल लाइन्स स्थित ज्वालादेवी इन्टर कॉलेज के बूथ पर मतदान किया। मतदान के बाद उन्होंने प्रदेश में भाजपा सरकार बनने का दावा किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एकतरफा मुकाबला है।

वहीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने हमीरपुर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने प्रतापगढ़ और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमउद्दीन सिद्दीकी ने बांदा में मतदान किया। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने फतेहपुर में लहुरीसराय गांव के बूथ पर वोट डाला।

कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। हालांकि कुछ जगहों पर दो पक्षों में झड़प् की खबरें दिन भर आती रहीं। महोबा में सपा और बसपा के लोगों के बीच गोली चलने से कुछ लोग घायल हो गए। बताया जाता है कि इस घटना में सपा उम्मीदवार का बेटा संकेत साहू व बसपा उम्मीदवार का भांजा राकेश सिंह गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

राकेश के सिर में गोली लगने के कारण उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। फिलहाल उपचार के लिए राकेश को कानपुर ले जाया गया है। प्रतापगढ़ में मतदान के दौरान मतदान कर्मियों व पुलिस से झड़प हो गई। हालांकि अलाधिकारियों ने मौके पर पहुंच मामले को शांत करा लिया।

रायबरेली के गुरुबख्सगंज में बसपा और कांग्रेस समर्थकों में मारपीट हुई जिससे मतदान केंद्र के बाहर काफी समय तक अफरा-तफरी मची रही। इलाहाबाद के मेजा में दो पक्षों के बीच पथराव होने से वहां कुछ समय तक तनाव की स्थ्तिि बनी रही। एक दारोगा पर सपा के पक्ष में वोट डलवाने का आरोप था। रायबरेली में मुंशीगंज आदर्श मतदान केंद्र पर टेंट गिरने से कई लोग घायल हो गए।

चौथे चरण में भी ललितपुर, जालौन, महोबा, चित्रकूट और बांदा जिलों के कुछ ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया। इन लोगों का कहना था कि गांवों में विकास कार्य न होने से यह कदम उठाया गया है। ललितपुर में मेहरौनी तहसील के बारसौन गांव में बूथ नंबर-333 पर मतदान शुरू होने के डेढ़ घंटे बाद तक एक भी वोट नहीं पड़ा था। यहां के लोग नई तहसील पाली में गांव को जोड़ने से नाराज हैं और चुनाव का बहिष्कार किया।

बांदा में नरैनी के माखनपुर में भी गांव वालों ने विकास के मुद्दे पर मतदान का बहिष्कार किया। महोबा के मारगपुरा में भी गांव वालों ने पानी और सड़क को लेकर मतदान नहीं किया। उधर, प्रतापगढ़ में विश्वनाथगंज विधानसभा क्षेत्र के हिन्दूपुर बाबुपुर गांव में आजादी के बाद पहली बार पोलिंग बूथ बना तो गांव वाले बड़े उत्साहित थे। लोग जब अपने गांव के बूथ पर वोट डालने पहुंचे तो ग्रामीणों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया।

निर्वाचन आयोग की तरफ से शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मतदान केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय बलों के हवाले थी तो मतदान केंद्रो के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था। मतदान की व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए 51 पर्यवेक्षकों, 8 पुलिस पर्यवेक्षकों, 2090 सूक्ष्म पर्यवेक्षक, 1643 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 222 जोनल मजिस्ट्रेट तथा 318 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए गए।

इस चरण के लिए 3609 मतदान केन्द्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया था। चौथे चरण में कुल 1,84,82,166 मतदाता हैं। जिनमें 1,00,31,093 पुरुष और 84,50,039 महिला मतदाता हैं। इस चरण के लिए कुल 12 हजार 492 मतदान केन्द्र और 19 हजार 487 मतदेय स्थल बनाए गए थे। 1759 बूथों पर वीवीपैट लगाए गए थे।

चौथे चरण के चुनाव में कुल 680 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें महिला प्रत्याशियों की संख्या 61 है। सबसे अधिक 26 उम्मीदवार इलाहाबाद उत्तरी सीट से और सबसे कम छह-छह प्रत्याशी फतेहपुर की खागा और कौशाम्बी जिले की मंझनपुर सीट से हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में इन जिलों की 53 सीटों में से सत्तारुढ़ सपा को 24 पर सफलता प्राप्त हुई थी। इसके अलावा बसपा ने 15, कांग्रेस ने छह, भाजपा ने पांच और पीस पार्टी ने तीन सीटें जीती थीं।

चौथे चरण में हुए मतदान में प्रदेश की सत्तारुढ़ सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने अपनी सियासत फतेहपुर से शुरु की थी। ऐसे में उनके लिए वहां की छह सीटें जीतना किसी चुनौती से कम नहीं है।

इसी तरह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य कौशाम्बी के रहने वाले हैं। इस चरण में कौशाम्बी में भी मतदान है। वहां की तीन सीटें उनके लिए चुनौती बनी हुई हैं। वैसे केशव की कर्मभूमि पड़ोस का जिला इलाहाबाद रहा है। ऐसे में इलाहाबाद की 12 विधानसभा सीटें भी जिताना उनके लिए चुनौती बनी हुई है।

बसपा के राष्ट्रीय महामंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी का बांदा गृह जनपद है। इस जिले की चार सीटों पर उनकी प्रतिष्ठा फंसी हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी प्रतापगढ़ के रामपुर खास से नौ बार विधायक रहे हैं। इस सीट से अब उनकी बेटी आराधना मिश्रा उर्फ मोना चुनाव मैंदान में हैं।

प्रतापगढ़ के ही कुंडा सीट से बाहुबली छवि वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। वह पिछले कई चुनाव से यहां से रिकार्ड मतों से जीत रहे हैं। रायबरेली सीट से अखिलेश सिंह कई बार विधायक रहे हैं। इनकी भी छवि एक दबंग नेता के रुप में रही है। इस बार उन्होंने अपनी सियासी विरासत बेटी अदिति सिंह को सौंप दी है।

अखिलेश के सामने अपनी विरासत आगे बढ़ाने और रायबरेली में साख बचाने की चुनौती है। चाैथे चरण के प्रमुख प्रत्याशियों में इलाहाबाद शहर उत्तरी से कांग्रेस के निवर्तमान विधायक अनुग्रह नारायण सिंह, शहर पश्चिमी से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र सिद्धार्थ नाथ सिंह, इलाहाबाद के ही करछना सीट से सपा के वरिष्ठ नेता रेवती रमण सिंह के बेटे उज्ज्वल रमण सिंह, ऊंचाहार से विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे उत्कर्ष मौर्य और विधानसभा में वर्तमान में नेता विरोधी दल गयाचरण दिनकर भी शामिल हैं।

इन सब की किस्मत क्षेत्र के मतदाताओं ने ईवीएम में 11 मार्च तक के लिए कैद कर दिया। अब 11 मार्च को मतगणना के वक्त सभी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा।

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