भोपाल/इंदौर। वित्त मंत्रालाय ने सोवरेन गोल्ड बांडस (एसजीबी) की चौथी श्रृंखला की घोषणा कर दी है और यह आम नागरिकों और संस्थागत निवेशकों के लिए 22 जुलाई तक खुली रहेगी।
एसजीबी योजना का यह चौथा चरण वित्तीय वर्ष 2016-17 की पहली श्रृंखला है। पिछले सप्ताह सोने के औसत मूल्य के आधार पर चौथी श्रृंखला के लिए प्रति ग्राम सोने का मूल्य 3119 रूपए निर्धारित किया गया है।
चालू खाता घाटा को कम करने की प्रकिया के अंतर्गत वित्तीय साधनों में निवेश को बढ़ावा देने और सोने की मांग में कमी लाने के लिए वित्तीय बजट 2015-16 में एसजीबी की घोषणा की गई थी।
एसजीबी के अंतर्गत 2.75 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज दिया जाता है जो कि शुरूआती निवेश पर, सोने के चोरी या खो जाने के डर के बिना प्रत्येक 6 माह पर देय है। एसजीबी में निवेश बैंकों के सांविधानिक तरलता अनुपात के लिए निवेश योग्य है।
एसजीबी को डीमैट में भी परिवर्तित किया जा सकता है और इसका इस्तेमाल ऋण लेने के लिए जमानत के तौर पर किया जा सकता है। एसजीबी की अवधि 8 वर्ष की होगी और पांच, छ और सात साल के बाद इसमें से समय पूर्व भी धनराशि निकाली जा सकती है।
छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए न्यूनतम अंशदान को घटाकर 1 ग्राम कर दिया गया है हालांकि प्रति व्यक्ति-संस्थान के लिए अधिकतम सीमा 500 ग्राम ही रखी गई है। इसके अलावा एसजीबी को, मोचन पर पूंजीगत लाभ कर से भी छूट दी गई है।
बांडस के स्थानांतरण पर दीर्घावधि पूंजीगत लाभ के लिए इंडेक्सैशन लाभ भी उपलब्ध है। एसजीबी को अब स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, चुनिंदा डाकघरों, और सभी बैंक शाखाओ के अलावा एनएसई और बीएसई से भी खरीदा जा सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले ही एसजीबी की पहली श्रृंखला को व्यापार योग्य बना दिया है और मौजूदा श्रृंखला के साथ-साथ अन्य श्रृंखलाओं को भी 3 महीने के अंदर व्यापार योग्य बनाने जाने की संभावना है।
पहले 3 चरणों में 4. 9 मीट्रिक टन सोने के बराबर लगभग 1318 करोड़ रूपए का निवेश किया गया, जो कि उस समय की सोने की कीमत के अनुसार था। नई विशेषताओं को शामिल किए जाने से एसजीबी के चौथे चरण में अधिक निवेश होने की संभावना है।