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chhat : fragrence of chhat parv scattered in varanasi
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काशी के घाटों और गलियों पर डाला छठ की महक

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काशी के घाटों और गलियों पर डाला छठ की महक
chhath festival bring good day for dala makers in varanasi
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वाराणसी। काशी विश्वनाथ की नगरी में लोक आस्था के पर्व डाला छठ (सूर्य षष्ठी) की सुगन्ध फिजाआें में है। पर्व की खुशियों को साझा करने के साथ आस्थावान और महिलाएं इसकी तैयारियों में जुट गयी हैं। छठ व्रत पूजन के लिए जगह- जगह चौराहों और प्रमुख बाजारों में पूजन की सामग्री दउरी,सूप फल गन्ने की दुकाने सज गयी है।


छठ महापर्व शुक्रवार को नहाय खाय से शुरू होगा। व्रत की तैयारियों में जुटी व्रती महिलाओं का आस्था और उमंग आसमान छू रही है। गांव के गलियों से शहर के पाश कालोनियों में छठ माता के गीत गूंज रहे हैं।

गौरतलब हो कि शुक्रवार को महिलाएं नहाय- खाय के साथ कठिन व्रत का संकल्प लेंगी। व्रत के पहले दिन महिलाएं स्नान के बाद सेंधा नमक से बनी लौकी की सब्जी और चावल का सेवन करेंगी।

इस दिन महिलाएं सिर्फ शाम को भोजन ग्रहण करती हैं, जिसमें पका हुआ चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी मुख्य होती है। इस भोजन को तैयार करने में शुद्धता और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है।

व्रत के दूसरे दिन शनिवार को महिलाएं खरना की परंपरा का निर्वाह करेंगी। इस दिन वे पूरा दिन व्रत रहेंगी। लेकिन रात में पूड़ी, बखीर, मीठा चावल ग्रहण करेंगी। इसे व्रत परंपरा में श्खरनाश् का नाम दिया गया है। तीसरे दिन रविवार को मुख्य व्रत होगा। इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्घ्य दिया जायेगा। ‘

इसके अंर्तगत व्रती महिलाएं पूरे दिन अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगी और शाम को किसी सरोवर या गंगा तट पर कमर भर जल में खड़ी होकर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्घ्य देंगी। पूजा के बाद गंगा तट से जलता हुआ दीपक लेकर लौटना इस कठिन व्रत का एक खास हिस्सा होता है।चौथे दिन सोमवार को उगते सूरज को अर्घ्घ्य देने के साथ व्रती महिलाओं का संकल्प पूरा होगा।

-बनने लगे ठेकुआ और पकवान

त्यौहार की तैयारियों को लेकर गुरुवार को ठेकुआ व अन्य पकवान बनाने में जुटी महिलाओं ने पूजन सामग्री के साथ जहां सूप दउरी और अन्य सामानों की खरीददारी की। वहीं घर के पुरुष सदस्यों के साथ छोटी-छोटी बच्चियां और युवतियां निकट के तालाब सरोवर और गंगा तट के साथ वरूणा किनारे साफ सफाई कर बेदी के लिए जगह छेक बेदी बनायी।

-बनाए हैं अस्थायी तालाब

कई कालोनियों में छठ पूजन समिति के लोगों ने अस्थायी तालाब पूजा के लिए बनवा डाला। कई लोग अपने घर के छत पर भी पानी की टंकी बना वेदी बनाने में जुटे रहे।

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