पेरिस। फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए सात मई को होने वाले मतदान में उदार मध्यमार्गी इमानुएल मैक्रों का मुकाबला धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन से होगा।
रविवार को प्रथम दौर की 90 फीसदी मतगणना में मैक्रों को 23.5 फीसदी वोट मिला है, जबकि ले पेन को 22.08 फीसदी वोट मिले हैं।
तीसरे स्थान पर कंजर्वेटिव पार्टी के फ्रांस्वा फिलन रहे हैं, जिन्हें 19.75 फीसदी वोट मिले और वह वामपंथी जीन-लुक मेलेनकन से थोड़ा ही आगे हैं। जीन को 19.45 फीसदी वोट मिले।
पांचवे स्थान पर सोशलिस्ट बेनोइट हैमन रहे, जिन्हें 6.2 फीसदी वोट मिले। इसके बाद गॉलिस्ट निकोलस डुपोंट-एगनन को लगभग पांच फीसदी वोट मिले।
यदि आर्थिक मामलों के पूर्व मंत्री मैंक्रों (39) चुनाव जीतते हैं तो वह देश के सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे, जबकि नेशनल फ्रंट की नेता लेन पेन (48) चुनाव जीतकर देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी।
पॉलिंग फर्म इप्सोस के मुताबिक, मैक्रों को सेवानिवृत्त, कामकाजी और निर्दलीयों का समर्थन मिला है। उन्हें प्रत्येक समूह के लगभग 25 फीसदी वोट मिले हैं।
उन्हें कॉलेज स्नातकों के 24 फीसदी और प्रति महीने 3,000 यूरो (लगभग 3,300 डॉलर) से अधिक की कमाई करने वाले मतदाताओं के 32 फीसदी वोट मिले हैं।
ले पेन हालांकि, युवा मतदाताओं में बहुत लोकप्रिय हैं। उन्हें 18 से 24 वर्ष के नागरिकों के 30 फीसदी वोट मिले हैं।
ले पेन को उन लोगों का समर्थन मिला है, जो महीने के अंत में मिलने वाले वेतन पर निर्भर है। उन्हें इस वर्ग के 43 फीसदी लोगों का समर्थन है।
इप्सोस के मुताबिक, फिलन को 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के 45 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि सेवानिवृत्त लोगों के 36 फीसदी वोट मिले हैं।
प्रधानमंत्री बर्नाड कैजेन्यू ने देश के लोगों से ले पेन के खिलाफ वोट करने की अपील की। बीबीसी के मुताबिक, प्रथम दौर के चुनाव में लगभग 80 फीसदी मतदान हुआ है, जो 2012 के चुनाव के समान ही है। इस दौरान लगभग 4.7 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।