पेरिस। फ्रांस ने देश में बढ रही वेश्यावृति को रोकने के लिए आखिरकार दो साल मशक्कत के बाद सांसदों ने कानून पास कर दिया। संसद के दोनों सदनों नेशनल एसेंबली और सीनेट में इस विधेयक को लेकर बहुत मतभेद रहे थे। इस कानून में यौनकर्मियों की बजाय उनके ग्राहकों को अपराधी माना जाएगा।
विधेयक के अनुसार यौन संबंध के लिए भुगतान करने पर सजा का प्रावधान है। ऐसे किसी भी भुगतान से संबंध रखने वाले को 3750 यूरो यानी भारतीय मुद्रा के अनुसार 28 लाख रुपए बतौर जुर्माना भरना होगा। ऐसे मामलों में पहली बार पकडे जाने पर 1500 यूरो जुर्माना लगेगा। दूसरी बार पकडे जाने पर जुर्माने की राशि दोगुनी हो जाएगी।
नए कानून में ऐसी व्यवस्था कि गई है कि जो यौनकर्मी देह व्यापार छोडकर अन्य किसी काम को करना चाहते हैं उन्हें फ्रांस में रहने का अस्थाई परमिट दिया जाएगा।
जारूकता के लिए विशेष कोर्स
यौन अपराध के दोषी लोगों को वेश्यावृति पर जागरूकता का कोर्स भी करना होगा। यह कोर्स अन्य यूरोपीय देशों तथा अमरीका में ड्रिंक करके ड्राइविंग करने के मामलों में दोषी पाए लोगों के साथ किया जाता है।
नए कानून का मकसद
फ्रांस में लाए गए इस नए कानून का मकसद विदेशी दलालों के नेटवर्क को तोडना तथा उन यौनकर्मियों की मदद करना है जो इस पेशे से बाहर आना चाहते हैं। नया कानून साल 2003 में बने कानून की जगह लेगा जिसमें देह व्यापार के लिए यौनकर्मियों को सजा का प्रावधान था। फ्रांस के गृहमंत्रालय का कहना है कि देश में मौजूद यौनकर्मियों में से 80 से 90 प्रतिशत महिलाएं विदेशी हैं। इनमें से अधिकांश देह व्यापार कराने वाले गिराह का शिकार है।
समर्थन और विरोध के स्वर
विधेयक पर अंतिम बहस के दौरान सदन के बाहर यौनकर्मियों के समूह ने जमकर प्रदर्शन किया। इस कानून का विरोध कर रहे स्ट्रॉस सेक्स वरकर्स यनियन के सदस्यों का कहना था कि इससे 30 से 40 हजार यौनकर्मियों की जीविका पर असर पडेगा।
उधर इस कानून के समर्थकों का कहना है इस कानून के अमल में आने से अवैध रूप से देह व्यापार में लिप्त गिरोह चलाने वालों के नेटवर्क पर लगाम लग सकेगी।