नोमपेन्ह। प्राचीन हिन्दू देवता की सातवीं शताब्दी में निर्मित प्रतिमा का सिर फ्रांस ने लौटा दिया है। सिर को प्रतिमा के शेष भाग से जोड़ दिया गया है। इस प्रतिमा को गुरुवार को संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया। फ्रांसीसी शोधकर्ता 130 वर्ष पहले इस प्रतिमा का सिर अलग कर अपने साथ ले गए थे।
पत्थर से निर्मित हरिहर देवता की इस प्रतिमा में विष्णु और शिव के आयामों को दर्शाया गया है। हिन्दू धर्म में इन्हें प्रमुख देवता माना जाता है।
फ्रांस के शोधकर्ता ताकेओ प्रांत में नोम दा मंदिर से इस प्रतिमा का सिर 1882 या 1883 में ले गए थे। इसे फ्रांस के ग्वीमेत संग्रहालय में रखा गया था।
एक समारोह में प्रतिमा के सिर को धड़ से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान करीब 200 सरकारी अधिकारी, विदेशी सरकारों के प्रतिनिधि, राजदूत और ग्वीमेत संग्रहालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
उपप्रधानमंत्री सोक आन ने समारोह में कहा कि 130 साल पहले अलग होने के बाद हम हरिहर प्रतिमा के सिर को शेष भाग से जोड़े जाने का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि खमेर संस्कृति में फिर से सिर का जुड़ना समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।