उदयपुर। फिल्म ‘मुंबई किसकी है’ में मुख्य किरदार के लिए अभिनेता सुनील शेट्टी द्वारा अग्रिम भुगतान लेने के बाद फिल्म करने से मना करने पर निर्माता द्वारा हिरणमगरी थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया, जिस पर पुलिस ने सीविल नेचर का बताते हुए एफआर लगा दी।
एफआर को चुनौती देने के लिए प्रार्थी के अधिवक्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया। प्रकरण के अनुसार हेमेन्द्र सौलंकी ने एक मई 2014 को हिरणमगरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि फिल्म ‘मुंबई किसकी है?’ में अभिनेता की भूमिका में सुनील शेट्टी से 21 लाख रूपए अग्रिम भुगतान किया और 71 लाख रूपए में पूरी फिल्म करना तय किया गया।
एग्रीमेंट के लिए जब उसे कहा गया तो वह टालमटोल करने लगा और बाद में फिल्म में काम करने से मना कर दिया। हिरणमगरी पुलिस ने अभिनेता सुनील शेट्टी के खिलाफ भादसं की धारा 420, 406 व 506 में मामला दर्ज कर जांच की गई।
जांच के दौरान अनुसंधान अधिकारी ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर मामला आपसी लेनदेन का होकर सीविल नेचर का बताते हुए अदालत में एफआर पेश कर दी।
इधर, फरियादी के अधिवक्ता विनय सारस्वत ने इस मामले में वकालतनामा पेश करते हुए एफआर को चुनौती दी। जिस पर सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट शहर (उत्तर) क्रम-2 की अदालत में आगामी 15 मई को सुनवाई होगी। स्मरण रहे मामले की जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी ने न्यायालय में 29 मार्च 2015 को एफआर पेश की थी।