Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
बिजयनगर में फ्री सुपरस्पेशियलिटी चिकित्सा शिविर में 261 रोगी लाभांवित - Sabguru News
Home Rajasthan Ajmer बिजयनगर में फ्री सुपरस्पेशियलिटी चिकित्सा शिविर में 261 रोगी लाभांवित

बिजयनगर में फ्री सुपरस्पेशियलिटी चिकित्सा शिविर में 261 रोगी लाभांवित

0
बिजयनगर में फ्री सुपरस्पेशियलिटी चिकित्सा शिविर में 261 रोगी लाभांवित
Free Superspeciality Medical Camp by mittal hospital at vijayanagar
Free Superspeciality Medical Camp by mittal hospital at vijayanagar
Free Superspeciality Medical Camp by mittal hospital at vijayanagar

बिजयनगर/अजमेर। लायन्स क्लब बिजयनगर, लियो क्लब बिजयनगर व धनोपिया परिवार ने मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के साथ मिलकर कुमारी रश्मि धनोपिया की स्मृति में रविवार को बिजयनगर में लगाए निःशुल्क सुपरस्पेशियलिटी चिकित्सा एवं परामर्श शिविर में 261 रोगियों ने लाभ पाया।

श्रीमाहेश्वरी सेवा सदन, बरल रोड, बिजयनगर में आयोजित शिविर में आसींद, भीलवाड़ा, गुलाबपुरा, हुरड़ा, सहित मसूदा, भिनाय, बांदनबाड़ा, बिजयनगर तहसील के करीब 25 से 30 किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पीडि़त परामर्श लाभ लेने पहुंचे।

सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक लगे शिविर के लिए रोगियों का शिविर स्थल पर सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया। सुबह 9ः30 बजे पंजीयन शुरू होने पर रोगियों की लम्बी कतार लगी मिली।

इस शिविर में मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल गुप्ता, हार्ट व वास्कुलर सर्जन डॉ सूर्य, ब्रेन व स्पाइन रोग विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ वर्मा, गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ रणवीरसिंह चौधरी, कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ प्रशांत शर्मा, पथरी, प्रौस्टेट व मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ कुलदीप शर्मा तथा बाल एवं शिशु सर्जन डॉ महेन्द्र जांगिड़, एवं फिजीशियन सुनील अग्रवाल ने अपनी विशेषज्ञ परामर्श सेवाएं निःशुल्क प्रदान कीं।

शिविर संयोजक लायन सुधीर गोयल ने बताया कि इस शिविर में पंजीकृत रोगियों की यूरोफ्लोमिट्री, ईसीजी व ब्लड शुगर की जांच निःशुल्क की गई एवं रोगियों को 5 दिन की दवाइयां निःशुल्क प्रदान की गई।

शिविर में गंभीर बीमारियों से ग्रसित लगभग 15 निर्धन रोगियों को चयनित किया गया। इन रोगियों को विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं यथा भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि शिविर में परामर्श पाने वाले रोगियों में हृदय की बीमारियों से पीडि़त एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर, बाईपास व वाल्व सर्जरी, बच्चों में जन्मजात हृदय रोग, दिल में छेद, हाथ-पैरों की खून की नसों में रूकावट आदि, ब्रेस्ट कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, मुंह व गले का कैंसर, नसों की बीमारियों जैसे सिर या रीढ़ की हड्डी में चोट, ब्रेन हेमरेज, ब्रेन ट्यूमर, सियाटिका आदि से पीडि़त रोगी पहुंचे।

पेशाब की थैली, एवं नली की पथरी, प्रोस्टैट की समस्या, पेशाब की धार की कमजोरी, नली की रुकावट, खून जलन व बार-बार पेशाब आना, स्त्रियों में खांसी, व छींक के साथ पेशाब का रिसाब बच्चों में मूत्र संबंधित समस्याओं से पीडि़त, गुर्दे से जुड़ी बीमारियों से पीडि़त डायलिसिस पर चल रहे रोगियों ने भी शिविर का लाभ उठाया। शिविर में बाल एवं शिशुु सर्जन भी खास तौर पर बच्चों के जन्मजात रोग निवारण के लिए उपलब्ध रहे।

उल्लेखनीय है कि शिविर के आयोजन में लायन क्लब बिजयनगर अध्यक्ष लायन भागचंद चौधरी, सचिव लायन धीरज मालवीय, अध्यक्ष लियो क्लब बिजयनगर लियो अरुण सोनी, सचिव लियो कपिल पंचौली व धनोपिया परिवार के समाजसेवी राजेन्द्र धनोपिया, डॉ. पंकज धनोपिया का सरहानीय सहयोग रहा।

समाजसेवी और उद्योगपति प्रमोद माहेश्वरी अनिल कचारा, सहित तहसील मसूदा, भिनाय, बांदनबाड़ा, गुलाबपुरा, हुरड़ा अन्तर्गत आने वालेे ग्राम पंचायतों के अनेक सरपंचों का शिविर में सान्निध्य रहा।

इन संस्थाओं का रहा सहयोग

शिविर में महावीर इन्टरनेशनल, जैन सोशल ग्रुप, भारत विकास परिषद, शुभम सेवा संस्थान, जन सेवा संस्थान, युवा सेवा समिति, महावीर इन्टरनेशनल, गुलाबपुरा , जीवन ज्योति सेवा समिति हुरड़ा, सरपंच ग्राम पंचायत बेगलियावास, दौलतपुरा प्रथम, दौलतपुरा द्वितीय, हराजपुरा, जालिया द्वितीय, लुलवा, मसूदा, मायला, नन्दवाड़ा, रामगढ़, सतावडि़या, सथाना, शेरगढ़, बडली, बांदनवाड़ा, बूबकिया, भिनाय, छदुंदरा, चांपानेरी, गुढ़ाखुर्द, केरोट, लामगरा, पडांगा, राममालिया, सिंगावल, सोबडी, टांटोटी, दातड़ा, मोटरास, पाटन, संग्रामगढ़, शम्भूगढ़, डाबला, घरटा, रूपाहेली खुर्द, आगूचा, बड़ला, भोजरास, दांतड़ा, गढ़वालों का खेड़ा, गागेड़ा, हुरड़ा, कोटड़ी, लाम्बा, फलामादा, रूपाहेली, सरेरी, तस्वारिया, टोंकरवाड़, उखलिया, कवलियावास, कानिया आदि का सहयोग रहा।