अजमेर। वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक ने कहा है कि भारत के खिलाफ काम करने वाली शक्तियों से बातचीत करना उनका अधिकार है और वह आगे भी ऎसा करते रहेंगे।…
पाकि स्तानी आंकतवादी हाफिज सईद से साक्षात्कार कर चर्चा में रहे वेदिक ने शनिवार को पत्रकारों से यह बात कही। वैदिक तीन दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेने आए थे। उन्होंने कहा कि हाफिज सईद से कराची से पहले वह सोवियत संघ के टुकडे करने वाले पक्ष से भी बातचीत कर चुके हैं।
आतंकवादियों से बातचीत के अधिकारों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके पीछै मूल मकसद उनकी मानसिकता समझने के साथ ही कार्य और कारण का सिद्धांत जानना और उसकी मूल वजह को ढूंढना तथा देश की सुरक्षा की दृष्टि से उनका समाधान करना है।
पाकिस्तान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे विष्ाम हालातों में भी दोनों सरकारों के साथ बातचीत होती रही हैं। अय्यूब खान, जनरल परवेज मुशर्रफ एवं जुल्फीकार अली भुटटो का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी नीतियों के अनुसार बातचीत की थी।
वैदिक ने कहा कि प्राय: सरकारें बाहरी समस्याओं पर एक दूसरे से बातचीत करने में हिचकिचाती हैं और लोकतंत्र का सिद्धांत है कि उसमें केवल सरकारें ही नहीं बल्कि लोक भी महत्वपूर्ण अंग है जो समाधान की दिश में कार्य करते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि एक पत्रकार की दृष्टि से मैं यह कार्य कर रहा हूं तथा मुझे इस पर गर्व है। उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी से बड़ी समस्याओं का निदान बातचीत से ही संभव है। इस संबंध में अमरीका और चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि लगभग 16 साल तक दोनों देशों के बीच उत्पन्न समस्याओं का हल भी बातचीत से ही हुआ।
सरकार द्वारा राजदूत बनाने संबंधी सवाल पर वैदिक ने कहा कि उनकी उम्र अब राजदूत बनने की नहीं है। उनके पास पहले भी कई प्रधानमंत्रियों ने राजदूत बनाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उस समय भी वह इससे सहमत नहीं थे।
मोदी की जापान यात्रा के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एक एतिहासिक यात्रा थी जो अब तक किसी भी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नहीं हुई। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सामरिक सहकार बढेगा और आधुनिक हथियार और तकनीक मिलने से देश की सुरक्षा पर मंडरा रहे खतरे से निजात मिलेगी।